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Monsoon Update: दक्षिण भारत के क्षेत्रों में पूर्वोत्तर मानसून की 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश- आईएमडी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को कहा कि इस साल अक्टूबर में दक्षिण भारत के मुख्य क्षेत्र में पूर्वोत्तर मानसून की बारिश 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश हुई। मौसम विभाग ने आगे कहा है कि 1980 से 2022 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु और इसके आसपास के इलाकों में उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश हमेशा देरी से आई है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyPublished: Tue, 31 Oct 2023 05:50 PM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2023 05:50 PM (IST)
पूर्वोत्तर मानसून वर्षा 1901 के बाद छठी बार सबसे कम- IMD (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को कहा कि इस साल अक्टूबर में दक्षिण भारत के मुख्य क्षेत्र में पूर्वोत्तर मानसून की बारिश 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश हुई।

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मौसम विभाग ने आगे कहा है कि 1980 से 2022 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु और इसके आसपास के इलाकों में उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश हमेशा देरी से आई है।

पूर्वोत्तर मानसून वर्षा 1901 के बाद छठी बार सबसे कम- IMD

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, "अक्टूबर में दक्षिण प्रायद्वीप (Peninsula) के मुख्य क्षेत्र (तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु और पुडुचेरी, दक्षिण आंतरिक कामताका और केरल के पांच उपविभागों) में पूर्वोत्तर मानसून वर्षा 1901 के बाद छठी बार सबसे कम थी।"

अल नीनो वाले सालों में तमिलनाडु में कम बारिश होती है- महापात्र

उन्होंने कहा कि अल नीनो और सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (Dipole) वाले सालों में तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में अक्टूबर के महीने में कम बारिश होती है। दरअसल, अल नीनो दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी को गर्म कर देता है, जिससे भारत में कमजोर मानसूनी हवाएं और शुष्क परिस्थितियां बनती हैं।

बता दें कि हिंद महासागर द्विध्रुव को दो क्षेत्रों के बीच समुद्र की सतह के तापमान में अंतर से परिभाषित किया जाता है।

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