अधिसूचना से पहले PMO भी भेजा जाएगा Master Plan 2041, प्लान के हर अध्याय का किया जा रहा गंभीरता से अध्ययन
मास्टर प्लान (एमपीडी) - 2041 की अधिसूचना में अभी कुछ समय और लग सकता है। सूत्र बताते हैं कि अधिसूचना से पहले एक बार यह मास्टर प्लान प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेजा जाएगा। माह के मध्य में इसे अधिसूचना के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया गया था। तभी से इसकी अधिसूचना का इंतजार हो रहा है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। मास्टर प्लान (एमपीडी) - 2041 की अधिसूचना में अभी कुछ समय और लग सकता है। वजह, अगले 20 साल के विकास की रूपरेखा में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसके लिए केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्रालय के स्तर पर भी इसका गहनता से विश्लेषण किया जा रहा है। किसी भी तरह की उलझन को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों को भी अक्सर मंत्रालय में बुलाया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि अधिसूचना से पहले एक बार यह मास्टर प्लान प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेजा जाएगा। बतौर डीडीए अध्यक्ष एलजी वीके सक्सेना ने मार्च 2023 की शुरुआत में ही इसके ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद अप्रैल माह के मध्य में इसे अधिसूचना के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया गया था। तभी से इसकी अधिसूचना का इंतजार हो रहा है।
निरंतर बैठकों का दौर भी चल रहा है
डीडीए के अधिकारियों का कहना है कि उनके स्तर पर कुछ लंबित नहीं है, जो करना है, अब मंत्रालय को ही करना है। दूसरी ओर मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि अधिसूचित करने से पहले 10 अध्यायों और दो खंडों में विभाजित एमपीडी 2041 का गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है।
निरंतर बैठकों का दौर भी चल रहा है। यमुना में आई बाढ़ के बाद सवालों के घेरे में आए इस प्लान के विभिन्न पहलुओं पर विचार- विमर्श का दायरा और बड़ा हो गया है। दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम, यमुना खादर के ओ जोन- दो में नियमित विकास और इसके डूब क्षेत्र में अतिक्रमण से जुड़े हर पहलू एवं प्रविधान का खासतौर पर अध्ययन किया जा रहा है।
कई मंत्रियों से ली गई एनओसी
मालूम हो कि जागरण ने भी इस संदर्भ में एक के बाद एक अनेक खबरें प्रकाशित कर चेताने का प्रयास किया है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय के स्तर पर एमपीडी 2041 को हरी झंडी दे दिए जाने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी सहित कई अन्य मंत्रियों के समूह से भी इस पर एनओसी ली जाएगी। फिर अंतिम स्वीकृति लेने के लिए इसे पीएमओ भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जुड़े अहम मुददों पर पीएमओ लगातार संज्ञान ले रहा है।
गौरतलब है कि मास्टर प्लान 2041 में पर्यावरण अनुकूल विकास, लैंड पूलिंग, विरासत संरक्षण, यमुना कायाकल्प जैसे अभिनव हस्तक्षेपों पर जोर दिया गया है। दिल्ली के भावी विकास को निर्देशित करने के लिए एक रणनीतिक और सक्षम गाइडलाइंस हैं, जो पिछली योजनाओं के क्रियान्वयन से सीखे गए सबक पर आधारित है। साथ ही विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर देश भर से भी सीखने की कोशिश की गई है।
दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए लाया गया प्लान
डीडीए अधिकारियों ने कहा कि इस प्लान का दृष्टिकोण "एक स्थायी, रहने योग्य और जीवंत दिल्ली को बढ़ावा देना" है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मास्टर प्लान - 2041 के ड्राफ्ट को पहली बार 13 अप्रैल 2021 को डीडीए बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था। फिर उसी वर्ष जून में वेबसाइट पर जनता के सुझावों और आपत्तियों को आमंत्रित करते हुए उपलब्ध कराया गया था।
अक्टूबर 2021 में डीडीए ने बताया कि उसे निर्धारित समय अवधि में लगभग 33,000 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए थे। उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली डीडीए की सलाहकार परिषद ने पिछले अप्रैल में आपत्तियों और सुझावों को शामिल करते हुए मसौदे की समीक्षा की थी।