Move to Jagran APP

मणिपुर में महिलाओं से हैवानियत की CBI जांच शुरू, भीड़ ने चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर कराई थी परेड

मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने से संबंधित मामले की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय ने सितंबर तक यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआइ को सौंपा गया था। छह मामलों की जांच सीबीआइ पहले ही कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Sun, 30 Jul 2023 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 30 Jul 2023 04:00 AM (IST)
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर सीबीआई ने जांच शुरू की।(फओ

नई दिल्ली, पीटीआई। सीबीआइ ने मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने से संबंधित मामले की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वारदात के करीब ढाई माह बाद पहली बार 19 जुलाई को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने के बाद मामला सामने आया था। उधर, राज्य सरकार ने म्यांमार से आए घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करते हुए उनका बायोमीट्रिक्स डाटा लेना शुरू कर दिया है।

छह मामलों की जांच सीबीआइ पहले ही कर रही

गृह मंत्रालय ने सितंबर तक यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआइ को सौंपा गया था। छह मामलों की जांच सीबीआइ पहले ही कर रही है। पुलिस ने थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में 18 मई को अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का केस दर्ज किया था।

सीबीआइ राज्य में डीआइजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में अपने विशेष जांच दल को पहले ही तैनात कर चुकी है।मामले की जांच के लिए सीबीआइ फारेंसिक विशेषज्ञों के अलावा कुछ और महिला अधिकारियों को भेजेगी।

चार मई को दो महिला के साथ हुआ दुष्कर्म 

महिलाओं की नग्न परेड कराने की घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई थी। सैकड़ों लोगों की हथियारबंद भीड़ ने लूटपाट और आगजनी के बाद दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया था। उनसे सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। विरोध करने पर उनके दो पुरुष परिजनों की हत्या भी कर दी गई थी।

मैतेयी समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत

मणिपुर में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेयी समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है जबकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी और नगा जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है।उधर, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अधिकारियों की एक टीम ने शनिवार को इंफाल पूर्वी जिले के सजीवा में विदेशी हिरासत केंद्र में रखे गए अवैध अप्रवासियों के बायोमीट्रिक्स एकत्र करने में राज्य सरकार के अधिकारियों की सहायता की।

यह अभियान राज्य भर में तब तक चलेगा जब तक कि सभी घुसपैठियों का बायोमीट्रिक्स डाटा एकत्र नहीं हो जाता।इस बीच मणिपुर में नग्न घुमाई गई पीडि़त युवती की मां ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उसने कहा कि वह घटना के शिकार हुए अपने बेटे और पति के शव के अवशेष देखना चाहती है।

साथ ही कहा कि हम आदिवासी है और अल्पसंख्यक हैं, अब हम मैतेयी के साथ नहीं रह सकते। विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को पीडि़त परिवार से मुलाकात की थी। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी चूड़चंदपुर में राहत शिविर में दोनों पीडि़ताओं से मुलाकात की और दस लाख का चेक प्रदान किया। 

कुकी समुदाय की अलग प्रशासन की मांग के खिलाफ मैतेयी ने निकाली रैली

राज्य में रहने वाले कुकी समुदाय द्वारा अलग प्रशासन की मांग के खिलाफ मैतेयी समुदाय ने शनिवार को विशाल रैली निकाली। इसमें घाटी के पांच जिलों के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। रैली में शामिल लोगों ने राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने की मांग की। कोआर्डिने¨टग कमेटी आन मणिपुर इंटीग्रिटी (कोकोमी) द्वारा आयोजित रैली में प्रदर्शनकारियों ने कुकी समुदाय और म्यांमार के अवैध प्रवासियों के खिलाफ नारेबाजी की।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.