मौत के बाद पिता का शरीर किया दान, नहीं मिल रहा मृत्यु प्रमाण पत्र
पिता की बॉडी मेडिकल कॉलेज को दान करने के बाद बेटा पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जयपुर म्युनिसिपल कार्पोरेशन के कार्यालयों में पिछले 15 दिनों से चक्कर लगा रहा है।
जयपुर। एक 51 वर्षीय शख्स पिछले 15 दिनों से अपने पिता के डेथ सर्टिफिकेट के लिए जयपुर नगर निगम (JMC) के चक्कर लगा रहा है। शख्स ने पिता का मृत शरीर एक मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था।
सामान्य तौर पर, शवदाहगृह के रिकार्ड के आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं जो स्वत: म्युनिसिपल ऑफिस में अपडेट हो जाता है। इस केस में उसके पिता के दाह-संस्कार का कोई रिकार्ड ही नहीं है। इसलिए म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने सर्टिफिकेट जारी करने से इंकार कर दिया।
नंद लाल भूत के बेटे दिनेश अग्रवाल ने निम्स मेडिकल कॉलेज को पिता का शरीर डोनेट कर दिया। अग्रवाल मूर्लीपुरा निवासी हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता चाहते थे कि मौत के बाद उनका शरीर बर्बाद न किया जाए। उन्होंने मौत से एक साल पहले इसके लिए फार्म भी भर दिया था। उनकी इच्छा के अनुसार मैंने उनके शरीर को दान कर दिया।‘
गलत जाति प्रमाण पत्र से चुनाव जीतने का आरोप
2014 में जारी किए गए जेएमसी के सर्कुलर में कहा गया था कि अगर कोई शोध या अकादमिक उद्देश्य के लिए बॉडी डोनेट करता है, तो उसे अंतिम संस्कार की रिपोर्ट नहीं जमा करानी होगी बल्कि मेडिकल कॉलेज की रसीद के आधार पर ही उनके परिवार वालों को मृत्यु प्रमाणपत्र दे दिया जाएगा। दिनेश ने बताया कि पिछले 15 दिनों से उन्हें जेएमसी के एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस के चक्कर लागाने पड़ रहे हैं।
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सर्कुलर दिखाने के बाद भी जेएमसी प्रमाणपत्र देने को तैयार नहीं है। इलाके के सलाहकार किशन लाल अजमेरा ने कहा कि अग्रवाल ने अच्छे काम के लिए शव को दान किया, लेकिन उन्हें पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र ही नहीं मिल रहा है। यह दुख की बात है।