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Malegaon Blast case में 29वां गवाह अपने बयान से मुकरा, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

2008 मालेगांव विस्फोट मामले में एक और गवाह अपने बयान से मुकर गया। यह 29वां गवाह है जो अपने बयान से मुकरा है। इसने 2008 में एटीएस को आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी के बारे में बयान दिए थे।

By AgencyEdited By: Achyut KumarPublished: Tue, 15 Nov 2022 02:11 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2022 02:11 PM (IST)
2008 मालेगांव विस्फोट मामले में 29वां गवाह मुकरा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई, एएनआइ। 2008 मालेगांव विस्फोट के मामले में एक और गवाह मंगलवार को मुकर गया। यह 29वां गवाह है, जो अपने बयान से मुकरा है। इस शख्स ने 2008 में आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी के बारे में बयान दिए थे।

गवाहों को याद नहीं अपना पिछला बयान

इससे पहले, 28वें गवाह ने 5 नवंबर को विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत को बताया कि उसे वह बयान याद नहीं है, जो उसने पहले जांच एजेंसी- महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) को दिया था। इस गवाह ने कथित तौर पर महाराष्ट्र एटीएस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के दौरान भोपाल की मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और इस मामले के एक अन्य आरोपी दयानंद पांडे के खिलाफ बयान दिया था।

हालांकि, 5 नवंबर को, वह विशेष एनआईए अदालत के सामने आया। इस दौरान उसने कहा कि उसे याद नहीं कि उसने पहले महाराष्ट्र एटीएस को दिए अपने बयान में क्या कहा था। उसने विशेष एनआईए अदालत को बताया कि वह 75 साल का है। इसलिए उसके लिए यह याद रखना मुश्किल है कि उसने अपने बयान में क्या कहा था।

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दो अन्य गवाह भी अपने बयान से मुकरे

इससे पहले सितंबर और अगस्त में मामले के दो अन्य गवाह एनआईए अदालत की विशेष सुनवाई के दौरान मुकर गए थे। उनमें से एक, जो इंदौर के एक होटल में काम करता था, ने अदालत में आंशिक रूप से यह कहने से इनकार कर दिया कि उसने जांच एजेंसी को पहले क्या कहा था।

29 सितंबर 2008 को हुआ विस्फोट

29 सितंबर, 2008 को, महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में नासिक शहर में एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण के फटने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। मामले के सभी सात आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।

23 अक्टूबर 2008 को साध्वी प्रज्ञा सिंह गिरफ्तार

23 अक्टूबर 2008 को, महाराष्ट्र एटीएस ने भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गिरफ्तार करके मामले के संबंध में अपनी पहली गिरफ्तारी की। बाद में समीर कुलकर्णी, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीलकर और सुधाकर चतुर्वेदी सहित अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया। 20 जनवरी 2009 को एटीएस ने अपनी जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट दाखिल की। अप्रैल 2011 में, केंद्र सरकार ने मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरित कर दी।

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