Madhya Pradesh Politics: अब कांग्रेसियों को ही तीखे लगने लगे स्वामी वैराज्ञानंद उर्फ मिर्ची बाबा
Madhya Pradesh Politics लोस चुनाव में दिग्विजय की जीत न होने पर स्वामी वैराज्ञानंद उर्फ मिर्ची बाबा ने जलसमाधि की घोषषणा की थी। विधायक लक्ष्मण सिंह ने सतर्क रहने की दी सलाह।
भोपाल, [ (नईदुनिया) आनन्द राय]। प्रदेश की राजनीति में बाबाओं की भी अजब--गजब भूमिका रहती है। कभी कंप्यूटर बाबा तो कभी मिर्ची बाबा जैसे लोग सुर्खियों में रहते हैं। पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कहे जाने वाले स्वामी वैराज्ञानंद उर्फ मिर्ची बाबा राज्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर पुन: सक्रिय हो गए हैं। मिर्ची बाबा को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का संरक्षण प्राप्त है, लेकिन अब वह उनके ही भाई विधायक लक्ष्मण सिंह को चुभने लगे हैं।
लक्ष्मण ने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को मिर्ची बाबा से सतर्क रहने की सलाह दी है। सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर मिर्ची बाबा अब कांग्रेसियों को ही तीखे क्यों लगने लगे जबकि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस को मजबूत करने में वह तंत्र--मंत्र में कभी पीछे नहीं रहे।
पांच क्विंटल मिर्च से यज्ञ किया था मिर्ची बाबा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए पांच क्विंटल मिर्च से यज्ञ किया था। इस यज्ञ में बाबा ने एलान किया कि अगर दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं जीते तो वह जल समाधि ले लेंगे। बाबा इस एलान के बाद खूब चर्चा में रहे लेकिन चुनाव में दिग्विजय के हारने के बाद वह अचानक नेपथ्य में चले गए।
संजू जाटव को कांग्रेस में लाकर फिर चर्चा में आए पिछले दिनों जब भिंड की पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष संजू जाटव भाजपा छो़ड़डकर कांग्रेस में शामिल हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने संजू को सदस्यता दिलाई और इस कार्यक्रम का पूरा श्रेय मिर्ची बाबा ने लिया। बाबा ने उस दिन दावा किया कि अभी भाजपा के बहुत से दिग्गज कांग्रेस में शामिल होंगे। संजू जाटव भिंड जिले की गोहद सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं।
बाबा इन दिनों उपचुनाव वाले 26 विधानसभा क्षेत्रों में कई दावेदारों को टिकट दिलाने का 'आशीर्वाद' देने में जुटे हैं। बाबा कब पलटी मार जाएं भरोसा नहीं बाबा इस समय कमल नाथ के पक्ष में जयकारे लगा रहे हैं, लेकिन वह कब पलटी मार जाएं यह भी कहा नहीं जा सकता है।
फरवरी माह में जब कमल नाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जंग शुरू हुई तो बाबा सिंधिया के साथ थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर वचनपत्र पूरा न करने का आरोप लगाते हुए कमल नाथ की खिलाफत की थी, लेकिन अब मिर्ची बाबा का दावा है कि वह शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों की पोल खोलेंगे। बाबा के कारनामों से विवाद भी खूब हुए।
पिछले वषर्ष मिर्ची बाबा ने जब भोपाल के अयोध्या नगर थाने में अखिल भारतीय अखा़़डा परिषषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था तो देश भर के साधु संतों ने तबके मुख्यमंत्री कमल नाथ से अपनी नाराजगी जताई थी और मिर्ची को भी कठघरे में ख़़डा किया था। दिग्विजय की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ करने पर तो निरंजनी अखा़़डे ने इसे गरिमा के खिलाफ मानते हुए उन्हें अखाड़े से निष्कासित करने का दावा किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता
दुर्गेश शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस का कहना है कि मिर्ची बाबा या कोई साधु संत किसे आशीर्वाद देते हैं इससे राजनीति का कोई लेना--देना नहीं है लेकिन हिंदुस्तान का इतिहास है कि साधु--संतों ने हमेशा मार्गदर्शन किया है।
भाजपा प्रवक्ता का बयान
दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, मप्र भाजपा का कहना है कि मिर्ची बाबा जैसे लोगों का न तो अध्यात्म और न ही राजनीति से कुछ लेना--देना है। ऐसे लोग कई बार जनता से जु़ड़े मुद्दे उठाकर सौदेबाजी करते हैं और दिग्विजय सिंह जैसे लोगों के हाथ का खिलौना बन जाते हैं। मिर्ची जैसों ने ही धर्म, संप्रदाय और राजनीति का घालमेल किया है।