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रैली में भीड़ जुटा लवली ने दिखाई ताकत

करीब डेढ़ दशक तक सूबे की सत्ता का स्वाद चखते रहे कांग्रेसियों की अक्ल विधानसभा चुनाव में मिली करारी पराजय के बाद ठिकाने पर आती दिख रही है। लोकसभा चुनाव को लेकर जारी प्रचार के तहत रविवार को हुई पार्टी की पहली रैली में दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और उनकी टीम ने पूरी ताकत लगाई और पार्टी

By Edited By: Published: Mon, 31 Mar 2014 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 31 Mar 2014 09:07 AM (IST)

नई दिल्ली। करीब डेढ़ दशक तक सूबे की सत्ता का स्वाद चखते रहे कांग्रेसियों की अक्ल विधानसभा चुनाव में मिली करारी पराजय के बाद ठिकाने पर आती दिख रही है। लोकसभा चुनाव को लेकर जारी प्रचार के तहत रविवार को हुई पार्टी की पहली रैली में दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और उनकी टीम ने पूरी ताकत लगाई और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की रैली को कामयाब बनाने में काफी हद तक कामयाब भी रही।

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इस रैली ने कांग्रेसियों में जोश भर दिया

नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अजय माकन के लिए भी यह रैली प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई थी। पार्टी ने मध्यम वर्ग की बहुलता वाले इलाके में रैली करने का फैसला कर एक बड़ा जोखिम उठाया था, लेकिन अजमल खां पार्क के अंदर व बाहर उमड़े समर्थकों को देखकर लगा कि कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा चुनाव वाली गुटबाजी से उबरने की कम से कम कोशिश जरूर की है।

रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष लवली ने अपने संगठन की मजबूती का दावा करते हुए सोनिया गांधी से कहा भी कि आप आदेश कीजिए, प्रदेश का कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर विरोधियों से दो-दो हाथ करने को तैयार है। पार्टी के अन्य वक्ताओं ने भी कांग्रेस की वापसी का दावा करते हुए भाजपा व आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। मंच पर कुछ ही नेताओं को जगह मिल पाई। पार्टी के प्रभारी महासचिव डा. शकील अहमद व प्रदेश अध्यक्ष के अलावा नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी माकन तथा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता हारुन यूसुफ ही मंच पर दिखाई दे रहे थे। बाद में दिल्ली के बाकी छह प्रत्याशियों संदीप दीक्षित, कपिल सिब्बल, जेपी अग्रवाल, रमेश कुमार, कृष्णा तीरथ, महाबल मिश्र को भी मंच पर बुलाया गया। सनद रहे कि दिल्ली से शीला दीक्षित की विदाई के बाद पार्टी की ओर से किया गया यह पहला बड़ा आयोजन था। ऐसे में प्रदेश संगठन में काबिज नई टीम के लिए यह बड़ी चुनौती थी।

पढ़ें: कांग्रेस को आता है सरकार चलाना : सोनिया


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