रिनीवेबल ऊर्जा क्षमता जोड़ने में लगाना होगा बहुत ज्यादा जोर, साल 2030 तक पांच लाख मेगावाट का लक्ष्य

इंस्टीट्यूट फॉर इनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2019 में सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में 40 हजार मेगावाट क्षमता जोड़ने का टेंडर जारी किया गया जो वर्ष 2022 में सिर्फ 28 हजार मेगावाट का रह गया है।