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    Lok Sabha elections: लू के थपेड़ों के बीच होंगे लोकसभा चुनाव के ये फेज, जानिए मतदान वाले दिन आपके शहर में कितना रह सकता है तापमान?

    Updated: Mon, 18 Mar 2024 02:58 PM (IST)

    25 मई को छठे चरण और 1 जून को सातवें चरण के लिए चुनाव होने हैं। लेकिन इस दौरान राजनीतिक सरगर्मी के साथ अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी होने की भी संभावना है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 7 मई से लेकर 1 जून के बीच 20 साल में पहली बार भीषण गर्मी का लोगों को सामना करना पड़ सकता है।

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    भारत के निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की घोषणा कर दी।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत के निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी। लेकिन लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर लाने की राह में सबसे बड़ी चुनौती भीषण गर्मी होगी। भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि 7 मई से लेकर 1 जून के आसपास देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक पहुंच सकता है।

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    मतदाताओं के लिए मौसम बड़ी चुनौती

    7 मई से लेकर 1 जून के बीच में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। 7 मई को असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन दीव एंड नागर हवेली, जम्‍मू-कश्‍मीर में तीसरे चरण के लिए चुनाव होने हैं। वहीं, 13 मई को चौथे चरण, 20 मई को पांचवें चरण के लिए चुनाव होने हैं।

    25 मई को छठे चरण और 1 जून को सातवें चरण के लिए चुनाव होने हैं। लेकिन इस दौरान राजनीतिक सरगर्मी के साथ अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी होने की भी संभावना है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 7 मई से लेकर 1 जून के बीच 20 साल में पहली बार भीषण गर्मी का लोगों को सामना करना पड़ सकता है। यह वह अवधि रहेगा जब 18वीं लोकसभा के लिए 65 प्रतिशत यानी 352 सीटों के लिए मतदान होगा।

    यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: निर्वाचन आयोग ने पर्यावरण अनुकूल चुनाव सुनिश्चित करने के दिए निर्देश, इन चीजों पर दिया जोर

    वाराणसी में कितना रह सकता है तापमान?

    मौसम का अनुमान लगाने वाली कई संस्थाओं का आकलन है कि वाराणसी का तापमान 1 जून को 45 डिग्री के पार हो सकता है। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदाताओं को साल के सबसे गर्म दिन में मतदान के लिए बूथों में लाइन लगानी पड़ सकती है।

    वहीं, मौसम विभाग की मानें तो बिहार में मतदान के दिन कई जिलों में लू के हालात बन सकते हैं। आईएमडी में पर्यावरण मोनिटो रिंग एंड रिसर्च सेंटर (ईएमआरसी) प्रमुख डीएस पाई का कहना है कि इस बार अल नीनो का असर फरवरी के बाद कमजोर होता दिख रहा है। ऐसे में इसका असर मॉनसून पर ज्यादा न दिखे, लेकिन तापमान पर भरपूर दिखेगा।

    गर्मियों में तापमान सामान्य से 1.45 डिग्री तक ज्यादा रहेगा। पिछले वर्ष अल नीनो के सक्रिय होने की वजह से मई में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा था। इस वर्ष इसकी सक्रियता पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा रहेगी। अलनीनो का असर अप्रैल, मई और जून तीनों माह में दिखेगा। इसके बाद इंसो-न्यूट्रल प्रभाव देखने को मिलेगा। इसी के चलते ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में अभी तापमान मार्च में ही 40 डिग्री चला गया है।

    मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिनों की भविष्यवाणी की है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, महाराष्ट्र और ओडिशा के कई हिस्सों में गर्मी तीव्र हो सकती है।

    यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: देश में किसकी बनेगी सरकार यह फैसला करेंगी ये चार जातियां, कितनी है संख्‍या और क्‍या हैं इनके मुद्दे?

    अल नीनो का प्रभाव गर्मी के मौसम पर जारी रहेगा

    मौसम विभाग के मुताबिक, अल नीनो का प्रभाव गर्मी के मौसम पर जारी रहेगा। अल नीनो एक जलवायु घटना है जो मध्य प्रशांत महासागर में पानी के गर्म होने के कारण होती है। अल नीनो का प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया जाता है, और यह भारत में गर्मी को बढ़ा सकता है।

    ला नीना की स्थितियां मानसून के दूसरे भाग तक स्थापित होने की संभावना है। ला नीना एक जलवायु घटना है जो प्रशांत महासागर में पानी के ठंडा होने के कारण होती है। यह भारत में मानसून को अच्छा बनाने में मदद कर सकता है।

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