छठे चरण में 57.7 प्रतिशत मतदान, अनंतनाग-राजौरी में टूटा 28 सालों का रिकॉर्ड; जानें अन्य राज्यों का हाल
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार को छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर पांच बजे तक 57.7 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर की आतंकियों और अलगाववादियों के प्रभाव वाली अनंतनाग-राजौरी सीट पर 28 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया और 52 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं बंगाल के आठ लोकसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा 77.99 प्रतिशत मतदान हुआ।

जागरण टीम, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार को छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर पांच बजे तक 57.7 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर की आतंकियों और अलगाववादियों के प्रभाव वाली अनंतनाग-राजौरी सीट पर 28 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया और 52 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं, बंगाल के आठ लोकसभा क्षेत्रों के कुछ इलाकों से हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ प्रदेश में सबसे ज्यादा 77.99 प्रतिशत मतदान हुआ। दिल्ली में मतदान के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, विदेश मंत्री एस जयशंकर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी वोट डालने पहुंचे।
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 428 सीटों पर मतदान पूरा
बता दें कि लोकसभा के लिए सात चरणों में मतदान होना है। अब तक 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 428 सीटों पर मतदान पूरा हो चुका है। अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है। जबकि मतगणना चार जून को होनी है।
अनंतनाग-राजौरी में भी लोकतंत्र का उत्सव
जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर शनिवार को बंपर मतदान हुआ। आतंकियों और अलगाववादियों के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में वर्ष 1996 का रिकॉर्ड टूट गया और लगभग 52 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदाताओं का यह उत्साह वर्ष 2019 में 9.7 प्रतिशत हुए मतदान से लगभग 42 प्रतिशत अधिक और 1996 में हुए 50.20 प्रतिशत मतदान से भी दो प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान कहीं कोई आतंकी हिंसा नहीं हुई।
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महबूबा मुफ्ती ने अपने पोलिंग एजेंटों की गिरफ्तारी पर जताया रोष
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने पोलिंग एजेंटों की गिरफ्तारी पर रोष जताते हुए लगभग तीन घंटे तक बिजबिहाड़ा में पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया। उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अनंतनाग में कुछ मतदान केंद्रों में ईवीएम की धीमी गति का मुद्दा उठाया। बता दें कि इससे पहले श्रीनगर सीट पर 39 प्रतिशत और बारामुला में भी रिकॉर्ड 59 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बंगाल में जमकर मतदान, भाजपा प्रत्याशी पर पथराव
बंगाल में छठे चरण में भी छिटपुट हिंसा के बीच जमकर मतदान हुआ। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के अनुसार, प्रदेश की आठ सीटों पर शाम पांच बजे तक कुल 77.99 प्रतिशत वोट पड़े। चूंकि मतदान के निर्धारित समय के बाद भी विभिन्न बूथों पर मतदाताओं की कतारें थीं, इसलिए अंतिम आंकड़ा बढ़ना स्वाभाविक है।
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केंद्रीय बलों के साथ भागकर जान बचाई
वहीं, झाड़ग्राम लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रणत टुडू पर शनिवार को मतदान के दौरान पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गड़बेत्ता के पास पथराव हुआ। इसमें उनकी सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बल के दो जवान जख्मी हो गए। पथराव में प्रणत की कार का शीशा भी टूट गया। कुछ महिलाओं ने भाजपा प्रत्याशी पर लाठी-डंडों से भी हमला किया था। ऐसे में टुडू ने केंद्रीय बलों के साथ भागकर अपनी जान बचाई। भाजपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि उनके बूथ एजेंटों को झाड़ग्राम शहर और रोगरा इलाके के कई बूथों पर तृणमूल के गुंडे बैठने नहीं दे रहे थे।
टुडू ने कहा कि वे हमले की शिकायत चुनाव आयोग से कर चुके हैं। भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि ममता बनर्जी बंगाल में लोकतंत्र की हत्या कर रही हैं।
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कहां हुआ कितना मतदान
बिहार में आठ सीटों पर 55.45 प्रतिशत वोट पड़े। पूर्वी चंपारण के सुगौली में ट्रेन से दुर्घटना में मतदान पदाधिकारी की मृत्यु हो गई। वहीं, झारखंड की चार सीटों पर 54.34 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसके अलावा हरियाणा की सभी 10 सीटों पर 46.26 प्रतिशत, दिल्ली की सात सीटों पर 44.58 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर शाम पांच बजे तक 43.95 प्रतिशत मतदान हुआ है।
मतदान बढ़ाने के हुए प्रयास
झारखंड में रांची के शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने मतदाताओं को मुफ्त पिक-एंड-ड्राप सुविधा प्रदान की। इसके लिए प्रशासन ने शहर में बाइक-टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से समझौता किया था।
गर्मी से निपटने के लिए भी किए इंतजाम
भारत के ज्यादातर हिस्से भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। ऐसे में मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए कई मतदान केंद्रों पर ठंडे पानी, कूलर, पंखे और टेंट की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा बुजुर्ग मतदाताओं की सहायता के लिए व्हीलचेयर भी रखी गई थीं। चुनाव आयोग ने सभी चुनाव अधिकारियों और राज्य प्रशासन को गर्मी के मौसम को देखते हुए उससे निपटने के लिए पर्याप्त उपाय करने के निर्देश पहले ही दे दिए थे।

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