चंद्रबाबू नायडू फिर NDA में लौटे, BJP-जनसेना के साथ मिलकर आंध्र में लड़ेंगे चुनाव; इस फॉर्मूले पर बनी बात
राजग में लंबे समय तक रहे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू फिर राजग में लौट आए है। संयुक्त बयान में जेपी नड्डा चंद्रबाबू और जनसेना अध्यक्ष पवन कल्याण ने दावा किया कि यह गठबंधन आंध्र प्रदेश की जनता की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगी। जेपी नड्डा की मौजूदगी में शनिवार को टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू और जनसेना पार्टी ने राजग में शामिल होने का औपचारिक एलान किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में लंबे समय तक रहे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (TDP) नेता चंद्रबाबू नायडू फिर राजग में लौट आए है। उनके साथ आंध्र प्रदेश से जुड़ी जनसेना पार्टी भी राजग में शामिल हुई है। दोनों ही दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव अब भाजपा के साथ मिलकर लड़ने का एलान किया है। साथ ही संकेत दिए है कि जल्द ही तीनों दलों में सीटों का बंटवारा भी हो जाएगा।
'जनता की अपेक्षाओं को करेंगे पूरा'
संयुक्त बयान में जेपी नड्डा, चंद्रबाबू और जनसेना अध्यक्ष पवन कल्याण ने दावा किया कि यह गठबंधन आंध्र प्रदेश की जनता की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में शनिवार को टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू और जनसेना पार्टी ने राजग में शामिल होने का औपचारिक एलान किया है। दोनों दलों के राजग में शामिल होने को लेकर लंबे समय चर्चा चल रही थी। इससे पूर्व भी नायडू ने इसे लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिले थे।
नायडू ने की PM मोदी की तारीफ
इस बीच, चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी की अगुवाई में देश में दस सालों में हुए कार्यों की तारीफ की और कहा कि अब सभी मिलकर उनके कामों को और रफ्तार देंगे। उन्होंने देश को विकसित बनाने का जो सपना देखा है और उस दिशा में आगे बढ़े है उसे हम जरूर पूरा करेंगे।
गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में टीडीपी 1996 में पहली बार राजग का हिस्सा बनी थी। जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया। आंध्र प्रदेश में 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव टीडीपी ने भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ा था। बाद में कुछ मतभेदों के चलते टीडीपी 2019 में राजद से अलग हो गई थी।
माना जा रहा है कि लोकसभा में भाजपा और जनसेना को आठ सीटें मिलेंगी जिसमें से छह भाजपा के खाते में होगी। विधानसभा में इन दोनों दलों को संयुक्त रूप से 30 सीटें मिल सकती हैं। लोकसभा की बची हुई 17 और विधानसभा की 145 सीटों पर टीडीपी लड़ेगी।