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सुप्रीम कोर्ट में हिंदी में बहस कर रहा था शख्स, जज ने कहा- हमें कुछ समझ नहीं आया, अंग्रेजी में बताइए

सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने एक शख्स अपने मामले की बहस हिंदी में करने लगा जिस पर पीठ ने कहा कि अदालत की भाषा अंग्रेजी है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि याचिकाकर्ता क्या कह रहा है। वह अपनी बात वकील के जरिए रखे ।

By AgencyEdited By: Achyut KumarPublished: Fri, 18 Nov 2022 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 05:16 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में हिंदी में बहस कर रहा था शख्स, जज ने कहा- हमें कुछ समझ नहीं आया, अंग्रेजी में बताइए
सुप्रीम कोर्ट में हिंदी में बहस कर रहे शख्स को जज ने अंग्रेजी में बात रखने को कहा

नई दिल्ली, पीटीआइ। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक वादी से, जो व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ और अपने मामले में हिन्दी में बहस शुरू कर दी, कहा कि इस अदालत की भाषा अंग्रेजी है। न्यायमूर्ति केएम जोसेफ (Justices KM Joseph) और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय (Justices Hrishikesh Roy) की पीठ ने याचिकाकर्ता शंकर लाल शर्मा, जो एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं, को कानूनी सहायता के लिए वकील प्रदान किया, क्योंकि उन्हें यह समझ में नहीं आया कि अदालत क्या कह रही है।

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'हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आप क्या कह रहे हैं'

जैसे ही शंकर लाल शर्मा का मामला उठाया गया, उन्होंने हिंदी में बहस करना शुरू कर दिया, यह कहते हुए कि उनका मामला शीर्ष अदालत सहित विभिन्न अदालतों में गया है, लेकिन उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिली है। इस पर न्यायमूर्ति जोसेफ ने शर्मा से कहा, 'हमने मामले की फाइल पढ़ ली है। यह एक बहुत ही जटिल मामला है, लेकिन हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आप क्या कह रहे हैं।'

'अदालत की भाषा अंग्रेजी है'

न्यायाधीश ने कहा, 'इस अदालत की भाषा अंग्रेजी है। अगर आप चाहें तो हम आपको एक वकील प्रदान कर सकते हैं जो आपके मामले में बहस करेगा।' अतिरिक्त सालिसिटर जनरल माधवी दीवान (Additional Solicitor General Madhavi Divan) ने शर्मा की मदद की और उन्हें बताया कि बेंच क्या कह रही है।

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पीठ ने याचिकाकर्ता को मुहैया कराया वकील

शर्मा से बात करने के बाद, दीवान ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता कानूनी सहायता वकील रखने के अदालत के प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, जो उसके मामले में बहस कर सके। इसके बाद पीठ ने शर्मा के ठीक पीछे बैठे एक अन्य वकील से पूछा कि क्या वह याचिकाकर्ता की मदद कर सकते हैं।

4 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

वकील के सहमत होने के बाद, पीठ ने वकील से कहा: 'आशा है, आप इसे मुफ्त में कर रहे हैं।' इस पर वकील ने कहा, 'हां मैं इसे नि:शुल्क करूंगा।' पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की और वकील से मामले की फाइल देखने को कहा।

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