लखवी मुद्दे पर चीन की चाल से भारत नाराज, पीएम ने जताया विरोध
मुंबई हमले के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश में चीन के अड़ंगा लगाने का भारत कड़ा एतराज जताया है। इस मामले में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अमेरिका सहित संयुक्त राष्ट्र के अन्य देशों
नई दिल्ली। मुंबई हमले के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश में चीन के अड़ंगा लगाने का भारत कड़ा एतराज जताया है। इस मामले में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अमेरिका सहित संयुक्त राष्ट्र के अन्य देशों को भरोसे में लेकर भारत पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश जारी रखेगा।
मोदी ने लखवी मुद्दे पर चीन से जताई चिंता
लखवी को सजा दिलाने पर पाक को घेरने की कोशिशों पर चीन की वजह से पानी फिरने से नाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी नेतृृत्व से चिंता जाहिर की है। सूत्रों के अनुसार मोदी ने चीनी नेतृृत्व को अवगत कराया है कि चीन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के सभी सदस्य देशों ने भारत का इस मुद्दे पर साथ दिया है। भारत ने उच्च स्तर पर चीन को यह बता दिया है कि उसका यह रवैया आतंक के खिलाफ उसके वादों के अनुकूल नहीं है। विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्वीट के जरिए ये जानकारी दी गई है। चीन को यह बताया गया है कि कम से कम आतंकवाद से जु़ड़े मामलों पर वह पाकिस्तान के सुर में सुर न मिलाए।
दबाव बनाए रखेगा भारत
सरकार ने इस मामले को शीर्ष स्तर पर चीन के साथ उठाने की तैयारियों के साथ पाकिस्तान पर अमेरिका के जरिए दबाव बनाने का मन बनाया है। चीन को भी भारत आतंकवाद के प्रति दोहरी नीति न अपनाने के प्रति आगाह करेगा। सूत्रों ने कहा, भारत की ओर से लखवी,हाफिज सईद और दाऊद के मामले में पुराना रुख बरकरार है। भारत द्विपक्षीय मंच के अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की दोहरी नीति को बेनकाब करने की पूरी कोशिश करेगा।
पर्याप्त सूचना नहीं
सूत्रों ने बताया कि भारत के आग्रह पर प्रतिबंधों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की समिति ने बैठक की। इसमें लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा जाना था। लेकिन, चीन के प्रतिनिधियों ने भारत के पास पर्याप्त सूचना नहीं होने की दलील देते हुए इस कदम को रोक दिया।
पिछले महीने की थी मांग
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने पिछले महीने समिति के प्रमुख जिम मैकले को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी अदालत द्वारा लखवी को रिहा किया जाना 1267 संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का उल्लंघन है। यह प्रस्ताव अल कायदा और लश्कर-ए-तय्यबा जैसे आतंकवादी संगठन से संबंधित व्यक्तियों और इकाइयों पर लागू होता है।
रिहाई से कई देश चिंतित
लखवी की रिहाई पर अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी चिंता जता चुके हैं। ये देश उसे फिर से गिरफ्तार करने की मांग भी कर चुके हैं। मुंबई हमले को लेकर दिसंबर 2008 में लखवी को गिरफ्तार किया था। वह लश्कर संस्थापक और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद का करीबी है। लखवी और छह अन्य लोग हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोपी हैं। इस मामले की पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत में सुनवाई चल रही है।
म्यांमार कनेक्शन से भी इंकार नहीं
सुरक्षा मामलों के जानकार ताजा घटनाक्रम के म्यांमार कनेक्शन से भी इंकार नहीं कर रहे हैं। माना जा रहा है कि म्यामांर में भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान और चीन दोनों सकते में आए हैं। पाकिस्तान अपनी हताशा पहले ही जाहिर कर चुका है। जबकि चीन ने लखवी मामले में रोड़ा अटकाकर एक तरह से अपनी खीझ ही जाहिर की है।
ये भी पढ़ेंः लश्कर आतंकी ने 26/11 के हमलावरों को दिए थे इंजन