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Kerala: प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेगा मुख्य आरोपी सावद, NIA कोर्ट का फैसला

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काटने के मामले में मुख्य आरोपी सावद को 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अगले हफ्ते एनआईए 10 दिनों के लिए हिरासत का आवेदन दाखिल करेगी। (palm-chopping case) सवाद को एर्नाकुलम उप जेल से कक्कानाड जिला जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। जेल स्थानांतरण अनुरोध के अनुसार उप जेल आरोपियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Published: Sun, 28 Jan 2024 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jan 2024 08:16 AM (IST)
16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेगा मुख्य आरोपी सावद (Image: ANI)

एएनआई, एर्नाकुलम (केरल)। Kerala professor's palm chopping case: प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काटने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने रविवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी सावद को 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया है।

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शनिवार को एक विज्ञप्ति में कहा गया कि अगले हफ्ते एनआईए 10 दिनों के लिए हिरासत का आवेदन दाखिल करेगी। बता दें कि सवाद को एर्नाकुलम उप जेल से कक्कानाड जिला जेल में शिफ्ट किया जाएगा। जेल स्थानांतरण अनुरोध के अनुसार, उप जेल आरोपियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है।

केरल के प्रोफेसर हाथ-काटने का मामला 

टेस्ट आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस के लिए सवाद को एर्नाकुलम उप जेल में रखा गया था। इससे पहले 10 जनवरी को एनआईए ने केरल के प्रोफेसर हाथ-काटने के मामले में मुख्य और आखिरी फरार आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिससे इस भयावह घटना की जांच सफल रही।

बता दें कि सवाद पिछले 13 सालों से फरार था और उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। पुलिस के निरंतर प्रयासों के बाद मट्टनूर, कन्नूर (केरल) से उसे गिरफ्तार किया गया। एनआईए ने कहा कि सवाद की पहचान 2010 में प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काटकर हत्या के प्रयास के कुख्यात मामले में मुख्य आरोपी के रूप में की गई थी।

10 जनवरी को दायर किया गया आरोपपत्र

आतंकवाद रोधी एजेंसी ने कहा, 'सवाद के खिलाफ 10 जनवरी, 2011 को इस मामले में आरोपपत्र दायर किया गया था। यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा अपनाई जा रही हिंसक उग्रवाद की विचारधारा को दर्शाती है।'

मामले में अब तक कुल 19 आरोपियों को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है। उनमें से तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और 10 अन्य को आठ साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। NIA के अनुसार, मामले के सभी आरोपी या तो अब प्रतिबंधित पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता, कार्यकर्ता या कैडर थे, और प्रोफेसर टीजे पर घातक हमले से संबंधित आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे।

क्या था मामला?

गौरतलब है कि बीकॉम की आंतरिक परीक्षा के लिए तैयार किए गए मलयालम प्रश्न पत्र में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का उपहास करने पर हमलावरों ने प्रोफेसर की हथेली काट दी थी।

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