Kerala: मानसिक रूप से विकलांग लड़की के साथ दुष्कर्म कर किया प्रेग्नेंट, फिर करा दिया गर्भपात; जज ने सुनाई 106 साल की सजा
घटना 2022 में हुई जब त्रिशूर का मूल निवासी आरोपी काम के लिए आदिमाली आया था। वह लड़की की मां के साथ एक होटल में काम कर रहा था और उनसे दोस्ती होने के बाद वह उनके साथ उनके घर में रहने लगा फिर जब लड़की की मां और भाई-बहन घर पर नहीं थे तो आरोपी ने लड़की का यौन शोषण करना शुरू कर दिया।
पीटीआई, इडुक्की (केरल)। केरल की इडुक्की जिला अदालत ने सोमवार को 15 वर्षीय मानसिक रूप से विकलांग लड़की के साथ दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के मामले में बेहद सख्त फैसला सुनाया है। अदालत ने 44 वर्षीय व्यक्ति को दोषी करार देते हुए उसे सभी धाराओं में मिलाकर कुल 106 साल कारावास की सजा सुनाई है।
केरल की देवीकुलम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सिराजुद्दीन पीए ने सोमवार को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया कि 44 वर्षीय दोषी को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। दोषी व्यक्ति पीड़िता की मां का दोस्त था।
हालांकि, सभी धाराओं में सजा एक साथ पूरी की जाएंगी और दोषी को दी गई जेल की अधिकतम सजा 22 साल है, लिहाजा वह जेल में 22 साल ही काटेगा। अदालत ने शख्स पर ₹60,000 का जुर्माना भी लगाया है, अगर दोषी जुर्माने की रकम नहीं चुकाएगा तो उसे 22 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
अदालत ने आदेश दिया कि यदि आरोपी जुर्माना भरता है, तो लड़की को इडुक्की जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की पीड़ित मुआवजा योजना से मुआवजे के रूप में राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।
जानें कब की है घटना?
घटना 2022 में हुई जब त्रिशूर का मूल निवासी आरोपी काम के लिए आदिमाली आया था। वह लड़की की मां के साथ एक होटल में काम कर रहा था और उनसे दोस्ती होने के बाद वह उनके साथ उनके घर में रहने लगा, फिर जब लड़की की मां और भाई-बहन घर पर नहीं थे तो आरोपी ने लड़की का यौन शोषण करना शुरू कर दिया। उसने लड़की को यह कहते हुए धमकी भी दी थी कि अगर उसने घटना के बारे में उन्हें बताया तो वह उसे मार डालेगा।
घटना तब सामने आई जब शारीरिक दिक्कतों के कारण मां लड़की को आदिमाली तालुक अस्पताल लेकर आई और डॉक्टर को पता चला कि लड़की गर्भवती है। डॉक्टर ने घटना की सूचना पुलिस को दी।
इडुक्की अस्पताल में लड़की का गर्भपात कराया गया
इडुक्की मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लड़की का गर्भपात करा दिया गया। इसके बाद, लड़की और आरोपी के गर्भपात किए गए भ्रूण के मेडिकल नमूनों पर डीएनए परीक्षण किया गया, जिससे पता चला कि लड़की के अजन्मे बच्चे का पिता ही आरोपी था।