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Kerala High Court: PFI को एक और झटका, 'केरल बंद' के दौरान हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये करने होंगे जमा, संपत्ति भी होगी जब्त

Kerala High Court केरल हाईकोर्ट ने पीएफआइ को बंद के दौरान राज्य को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 5 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा करने को कहा है। पीएफआइ ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में केरल बंद का ऐलान किया था।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2022 02:15 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 02:41 PM (IST)
Kerala High Court: PFI को एक और झटका, 'केरल बंद' के दौरान हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये करने होंगे जमा, संपत्ति भी होगी जब्त
केरल हाईकोर्ट से पीएफआइ को लगा झटका।

कोच्चि, एजेंसी। पीएफआइ पर केंद्र सरकार द्वारा 5 साल का बैन लगाए जाने के बाद अब संगठन को एक और झटका लगा है। केरल उच्च न्यायालय ने आज पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) को केरल बंद के दौरान हुए नुकसान को लेकर 5 करोड़ से अधिक का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। पीएफआइ ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में 23 सितंबर को केरल बंद बुलाया था जिसमें कई जगह तोड़फोड़ की गई थी।

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5.20 करोड़ देने होंगे

कोर्ट ने कहा कि इस बंद के दौरान हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में पीएफआइ को 5.20 करोड़ की राशि जमा करने होंगे। जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और सी.पी.मोहम्मद नियास ने पीएफआई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य की सभी निचली अदालतों को बिना मुआवजे के जमानत नहीं देने का निर्देश दिया है।

व्यक्तिगत संपत्ति भी जब्त करें 

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि उन सभी की व्यक्तिगत संपत्ति को जब्त करने के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए जिन्होंने राज्य को नुकसान पहुंचाया है। अदालत ने एक दावा आयोग का गठन करने का भी निर्देश दिया, जो नुकसान का सामना करने वालों को मुआवजे के भुगतान के सभी मामलों से निपटेगा। निर्देशों के अनुसार, राशि का भुगतान दो सप्ताह के समय में किया जाना है।

पीएफआई के महासचिव को आरोपी बनाने का निर्देश

इसने राज्य सरकार को सभी मामलों में पीएफआई के महासचिव अब्दुल सथर को अतिरिक्त आरोपी बनाने का भी निर्देश दिया। हालांकि, राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि 1,992 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 687 को हिरासत में लेने के साथ 487 मामले दर्ज किए गए। 

विचारधारा से सहमत न होने पर क्या आम लोगों को देंगे सजा

कोर्ट ने कहा कि जब भी हड़ताल शब्द आता है, तो नागरिकों के बीच इसका एक अलग अर्थ होता है। कोर्ट ने कहा कि लोग सदा भय में जी रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि क्या एक आम आदमी को इससे क्या लेना-देना है? आपकी एक विचारधारा का समर्थन नहीं करना, क्या आम लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। हाईकोर्ट ने केरल पुलिस को उचित कदम उठाने के लिए भी कहा, जिसमें प्रतिबंधित संगठनों के सभी कार्यालयों को बंद करने के अलावा ऐसे संगठनों के बैंक खातों को फ्रीज करना शामिल हैं।

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