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'मेरे पति की मौत पर सियासत कर रहे अलगाववादी'

अफजल गुरु की फांसी पर सियासत कर रहे कश्मीरी अलगाववादियों को सोमवार को गुरु की पत्नी तबस्सुम ने खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि अगर गिलानी, मीरवाइज या कश्मीर बार एसोसिएशन ने मेरे खाविंद के लिए कोई अच्छा वकील उपलब्ध कराया होता तो वह आज जिंदा होता।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 09 Feb 2015 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 09 Feb 2015 08:54 PM (IST)
'मेरे पति की मौत पर सियासत कर रहे अलगाववादी'

श्रीनगर। अफजल गुरु की फांसी पर सियासत कर रहे कश्मीरी अलगाववादियों को सोमवार को गुरु की पत्नी तबस्सुम ने खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि अगर गिलानी, मीरवाइज या कश्मीर बार एसोसिएशन ने मेरे खाविंद के लिए कोई अच्छा वकील उपलब्ध कराया होता तो वह आज जिंदा होता। इन लोगों ने उसके नाम पर सिर्फ सियासत की है।

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अफजल गुरु की पत्नी तबस्सुम गुरु ने कहा कि हुर्रियत नेताओं ने मेरे पति को बचाने के लिए कोई मदद नहीं की। उसने कहा कि सिर्फ शब्बीर शाह ही एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने उसका मुकदमा लड़ने के लिए हमें मदद की।

गुरु की पत्नी ने कहा कि आज भी हुर्रियत नेता मेरे पति के नाम पर सियासत कर रहे हैं। उसकी बरसी पर उन्होंने हड़ताल का एलान किया है। लेकिन वह उसके पार्थिव शरीर को, मेरे पति के सामान को, वापस लेने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

कश्मीर घाटी में पूर्ण हड़ताल रही

संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की दूसरी बरसी पर अलगाववादियों के आह्वान पर सोमवार को कश्मीर घाटी में पूर्ण हड़ताल रही।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रायोजित यूएन चलो मार्च बेशक कड़े सुरक्षा प्रबंधों और सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं की नजरबंदी के कारण नहीं हो पाया, लेकिन निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के समर्थकों ने लाल चौक के साथ सटे प्रेस एन्कलेव में कश्मीर की आजादी और अफजल गुरु के शव की मांग को लेकर धरना दिया।

प्रशासन ने अशरफ सहराई, एयाज अकबर, जफर फतेह, नईम खान, शाह और हिलाल वार समेत सभी प्रमुख अलगाववादियों को रविवार को ही नजरबंद करने के अलावा जेकेएलएफ के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा ग्रीष्मकालीन राजधानी के पांच थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा को भी सख्ती से लागू कर दिया था। बावजूद इसके हड़ताल का व्यापक असर नजर आया। सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। इस बीच, बारामुला, सोपोर, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, बड़गाम, गांदरबल और त्राल में भी पूरी तरह हड़ताल रही।

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