कर्नाटक HC ने खारिज की विवाहित महिला की याचिका, व्यक्ति पर लगाया था शादी का वादा तोड़कर धोखा देने का आरोप
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला की याचिका को खारिज कर दिया है। महिला ने आरोप लगाया था कि एक शख्स ने शादी का वादा कर उसे तोड़ दिया और उसे धोखा दिया है। हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता पहले से ही शादीशुदा है तो शादी का वादा तोड़ने और धोखा देने का सवाल नहीं उठता। (पतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला की याचिका को खारिज कर दिया है। महिला ने एक व्यक्ति के खिलाफ शादी का वादा तोड़ने का आरोप लगाया था। इस संबंध में महिला ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। कोर्ट ने एफआईआर को रद्द कर शख्स को राहत दी है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द की FIR
जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने इस याचिका को खारिज किया है। बेंच ने कहा, 'धोखाधड़ी का आरोप इस आधार पर लगाया जाता है कि याचिकाकर्ता ने शादी का वादा तोड़ा है। शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में खुद ही कहा है कि वो पहले से ही शादीशुदा है और इस शादी से उसका एक बच्चा भी है।' अदालत ने आगे कहा कि अगर शिकायतकर्ता पहले से ही शादीशुदा है तो शादी का वादा तोड़ने और धोखा देने का सवाल नहीं उठता।
कोर्ट ने फैसले के दौरान ये भी कहा कि याचिकाकर्ता साबित नहीं कर पाई कि आरोपी शख्स कभी उसका पति था। आईपीसी की धारा 498ए को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं दिए गए। अगर शिकायतकर्ता पहले से ही शादीशुदा है तो वह यह दावा कैसे कर सकती है कि याचिकाकर्ता उसका पति है।
क्या है मामला?
दरअसल, महिला ने बताया कि वो शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है। महिला ने दावा किया कि उसके पति ने उसे छोड़ दिया। याचिका में आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने आश्वासन दिया था कि वह उससे शादी करेगा। याचिकाकर्ता ने उसे शादी का आश्वासन देकर संबंध बनाने का लालच दिया। आरोपी ने अपना वादा नहीं निभाया, इसलिए उसने शिकायत दर्ज कराई।