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Chalo Delhi: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का आज दिल्ली में हल्ला बोल! जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी

सिद्धारमैया आज यानी 7 फरवरी को शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर में केंद्र सरकार के खिलाफ चलो दिल्ली आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इस आंदोलन में राज्य के अन्य कांग्रेस विधायक भी शामिल होंगे। इस विरोध प्रदर्शन का कारण है केंद्र सरकार द्वारा राज्य के प्रति किया गया अन्याय जिसकी वजह से राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaPublished: Wed, 07 Feb 2024 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2024 09:13 AM (IST)
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए मंगलवार को देर रात दिल्ली पहुंच चुके हैं।

एएनआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार को देर रात दिल्ली पहुंच चुके हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलवार देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए। सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेता 'चलो दिल्ली' आह्वान के तहत दिल्ली पहुंचे हैं।

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सिद्धारमैया जंतर-मंतर पर 'चलो दिल्ली' आंदोलन की शुरुआत करेंगे

सिद्धारमैया आज यानी 7 फरवरी को शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ 'चलो दिल्ली' आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इस आंदोलन में राज्य के अन्य कांग्रेस विधायक भी शामिल होंगे। इस विरोध प्रदर्शन का कारण है केंद्र सरकार द्वारा राज्य के प्रति किया गया अन्याय, जिसकी वजह से राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

कर्नाटक कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी और भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री के आरोपों को निराधार बताया

वहीं, इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि सिद्धारमैया गंदी राजनीति कर रहे हैं। उनकी टिप्पणियों का कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने केंद्र द्वारा कर हस्तांतरण में हिस्सेदारी कम करने के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के आरोप को "निराधार" बताया।

एक्स पर एक पोस्ट में प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा, "कर्नाटक के मुख्यमंत्री के आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं है। वे इतने निराधार हैं कि उनकी अपनी पार्टी ही सीएम के खोखले आरोपों की घोर अज्ञानता पर हंस रही होगी, आखिर सीएम @siddaramaiah अतीत में 13 राज्यों के बजट पेश किए हैं और उनसे यह समझने की उम्मीद की जाती है कि सार्वजनिक वित्त कैसे काम करता है। फिर भी मैं उन्हें याद दिला दूं:

  • राज्यों को उनके एसजीएसटी का 100 प्रतिश प्राप्त होता है और लगभग IGST का 50 प्रतिशत राज्य के भीतर एकत्र किया गया।
  • 15वें एफसी ने किसी भी राज्य को विशेष अनुदान की सिफारिश नहीं की। ऐसे में अनुशंसा स्वीकार नहीं करने का सवाल ही नहीं उठता।
  • वित्त वर्ष 2020-21 से कर्नाटक को पूंजीगत व्यय योजनाओं में सहायता के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 6279.94 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
  • यूपीए के 10 वर्षों की तुलना में कर्नाटक को सहायता अनुदान में काफी वृद्धि हुई है। एनडीए के 9 वर्षों में 2.08 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं, जो यूपीए के अनुदान से 243 प्रतिशत अधिक है।
  • इस वित्तीय वर्ष में 18,005 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता अनुदान जारी करने का बजट रखा गया है।
  • और मुझे विश्वास है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री यह सब समझते हैं लेकिन वह अभी भी राज्य में गंदी राजनीति खेल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को राज्य के किसानों और लोगों की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन चूंकि उन्होंने राज्य चुनावों में अस्थिर वादे किए हैं, इसलिए वे अब केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। जनता जानती है कि जुलाई 23 में डिप्टी सीएम ने स्वीकार किया कि "इस साल, (वे) विकास नहीं दे सकते। सीएम के अपने आर्थिक सलाहकार ने कहा, "पांच गारंटी (उनकी) सरकार के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ बन गई हैं।"
  • इसलिए, ये आरोप कुछ और नहीं बल्कि कर्नाटक सरकार द्वारा शासन की अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने का एक और असफल प्रयास है। लेकिन सीएम को यह भी पता होना चाहिए कि इन हरकतों से जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र पर कर्नाटक का आर्थिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया और लोगों से बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर पोस्ट किया, "आइए हम केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के आर्थिक उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। आइए, कल दिल्ली के जंतर मंतर पर बड़ी संख्या में सत्याग्रह में भाग लेकर अपने अधिकारों के लिए विरोध करें।"

इससे पहले, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि नियोजित विरोध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नहीं है और सभी विधायकों को पार्टी लाइनों को भूलकर भाग लेना चाहिए।

इससे पहले, सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि देशभर में आम धारणा है कि गैर-भाजपा राज्यों को उनके वैध बकाये से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ताजा उदाहरण कांग्रेस शासित कर्नाटक है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता के आरोपों को खारिज करते हुए आरोपों को "राजनीतिक रूप से विकृत कथा" करार दिया, जिसे कुछ निहित स्वार्थी समूहों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है।


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