'दिल्ली के विकास में हरियाणा बने भागीदार'
हरियाणा के नए राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी प्रदेश में सुशासन लाने के सपने के साथ यहां आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश की जनता को अच्छा माहौल मिले, कोई तकलीफ नहीं हो, समस्याओं का समाधान हो, इसी सपने के साथ वह हरियाणा पहुंच रहे हैं। राज्यपाल बनने के बाद दैनिक जागरण से देर रात फोन पर हुई बातचीत
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के नए राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी प्रदेश में सुशासन लाने के सपने के साथ यहां आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश की जनता को अच्छा माहौल मिले, कोई तकलीफ नहीं हो, समस्याओं का समाधान हो, इसी सपने के साथ वह हरियाणा पहुंच रहे हैं। राज्यपाल बनने के बाद दैनिक जागरण से देर रात फोन पर हुई बातचीत में कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि प्रदेश को तरक्की की राह पर ले लाना उनकी प्राथमिकता है। हरियाणा, दिल्ली के साथ लगता प्रदेश है, इसलिए दिल्ली के विकास में हरियाणा का योगदान भी बेहद जरूरी है। हमारी कोशिश होगी कि हरियाणा दिल्ली के विकास में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी बने। कप्तान सिंह सोलंकी भाजपा के सीनियर नेता हैं। राजस्थान के प्रभारी और राज्यसभा सदसय होने के नाते पार्टी में उनकी खासी अहमियत है। सोलंकी मध्यप्रदेश के भिंड जिले के गढ़पारा के रहने वाले हैं। एमए-बीएड तक शिक्षित सोलंकी जिला बनमोर में शिक्षक और ग्वालियर के पीजीवी कॅालेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। भोपाल के कोटरा सिथत आकृति गार्डन में रहने वाले कप्तान सिंह सोलंकी दिल्ली स्थित साऊथ एवेन्यू में रह रहे हैं।
राजस्थान के प्रभारी होने के नाते सोलंकी ने पार्टी को एक नई पहचान दिलाई है। उनका कहना है कि हरियाणा की जनता बेहद सीधी और सात्विक है। हमारी प्राथमिकता होगी कि यहां के लोगों को सुशासन मिले। प्रदेश की तरक्की के लिए उनसे जो भी कुछ बनेगा, वह करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम लोगों के लिए राजभवन के दरवाजे खुले रहेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य कप्तान सिंह सोलंकी को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया है। वह राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया का स्थान लेंगे जो शनिवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में इस आशय की जानकारी दी गई है। 75 वर्षीय सोलंकी एक प्रोफेसर रहे हैं और अगस्त 2012 में राज्यसभा के सदस्य बने।
गौरतलब है कि सोलंकी संघ परिवार की पृष्ठभूमि से हैं और भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री रहे हैं जिस कारण उनका भारतीय जनता पार्टी में खासा दखल रहा है। जाहिर है कि चुनाव वाले राज्य हरियाणा में उनकी नियुक्ति के अनेक अलिखित निहितार्थ हो सकते हैं।