SC: जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश
SC कोलेजियम ने तेलंगाना HC और केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी। जस्टिस उज्जवल भुइयां तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। कोलेजियम ने सरकार को भेजी सिफारिश में पहले नंबर पर जस्टिस भुइयां और दूसरे नंबर पर जस्टिस भट्टी के नाम की सिफारिश की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस उज्जवल भुइयां और केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति करने की सिफारिश की है। कोलेजियम ने पांच जुलाई को हुई बैठक में दोनों न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति करने का निर्णय लिया और अपनी सिफारिश सरकार को भेजी है।
सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति करने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल 34 मंजूर पद हैं जिनमें अभी 31 न्यायाधीश काम कर रहे है और तीन पद खाली हैं। अगर सरकार जल्दी ही कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार कर लेती है तो सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर 33 हो जाएगी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पांच सदस्यीय सुप्रीम कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के खाली तीन पदों को भरने और सुप्रीम कोर्ट का कामकाज सुचारु रूप से चलाने तथा मुकदमो का ढेर खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के खाली पदों को भरने और योग्य उपयुक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति करने पर पांच जुलाई की बैठक में विचार विमर्श किया।
कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत होने की योग्यता रखने वाले हाई कोर्ट के वरिष्ठ और योग्य न्यायाधीशों के नामों पर विचार करने के बाद तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस उज्जवल भुइयां और केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी को हर तरह से उपयुक्त और योग्य पाते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने और सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति करने की सिफारिश की है।
जस्टिस भुइयां का मूल हाई कोर्ट गुवाहाटी हाई कोर्ट है जबकि जस्टिस भट्टी का मूल हाई कोर्ट आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट है। कोलेजियम सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति करने की सिफारिश करते वक्त कई पहलुओं पर विचार करती है जिसमें न्यायाधीश की अपने मूल हाई कोर्ट में वरिष्ठता के साथ ही सभी हाई कोर्टों में वरिष्ठता को देखा जाता है।
साथ ही जिस न्यायाधीश के नाम पर विचार किया जाता है उसकी मेरिट, सत्यनिष्ठा और कामकाज का आंकलन किया जाता है । इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति के समय और भी कई पहलुओं पर विचार होता है जैसे कि यह देखा जाता है कि किस हाई कोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व नहीं है या पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। वंचित और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा जाता है। लैंगिक विविधिता और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व भी ध्यान रखा जाता है।
कोलेजियम ने सभी पहलुओं पर हुआ विचार
सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर जारी कोलेजियम के नोट में कहा गया है कि कोलेजियम ने सभी पहलुओं और योग्यता पर सावधानी पूर्वक विचार करने के बाद जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए उपयुक्त और योग्य पाया है। कोलेजियम ने सर्वसम्मति से दोनों न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है।
जस्टिस उज्जवल भुइयां 17 अक्टूबर 2011 को गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे वे अपने मूल हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं और 28 जून 2022 से तेलंगाना हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस हैं। जस्टिस भुइयां को लंबा अनुभव है और टैक्सेशन के मामलों में उनकी विशेषज्ञता है। जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी 12 अप्रैल 2013 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। वे अपने मूल हाई कोर्ट में वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं।
अगस्त 2022 के बाद से सुप्रीम कोर्ट में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। जस्टिस भट्टी को मार्च 2019 में केरल हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था और अभी वे एक जून 2023 से केरल हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस हैं। कोलेजियम का मानना है कि जस्टिस भट्टी की नियुक्ति से न सिर्फ आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व होगा बल्कि जस्टिस भट्टी के विस्तृत अनुभव का लाभ भी मिलेगा।
उनकी एक न्यायाधीश के रूप में बहुत अच्छी साख है। कोलेजियम ने सरकार को भेजी सिफारिश में पहले नंबर पर जस्टिस भुइयां और दूसरे नंबर पर जस्टिस भट्टी के नाम की सिफारिश की है और सिफारिश में कहा है कि इसी वरिष्ठता क्रम में न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाए।