सदन में उठेगा नीतीश को जनकपुर जाने से रोकने का मुद्दा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेपाल जाने से रोके जाने का मुद्दा अब सदन में भी सुनाई देगा। जनता दल यूनाइटेड इस मुद्दे को अब सदन में जोर-शोर से उठाएगी। पार्टी के मुताबिक यह एक घटिया राजनीति का परिचायक है। राज्य के मुख्यमंत्री नेपाल में आए भीषण भूकंप के
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेपाल जाने से रोके जाने का मुद्दा अब सदन में भी सुनाई देगा। जनता दल यूनाइटेड इस मुद्दे को अब सदन में जोर-शोर से उठाएगी। पार्टी के मुताबिक यह एक घटिया राजनीति का परिचायक है। राज्य के मुख्यमंत्री नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद वहां राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों को देखने के लिए जाने वाले थे। लेकिन ऐन समय पर उन्हें केंद्र ने इस दौरे पर जाने से मना कर दिया। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने बिहार के सीएम को इसके लिए उपर्युक्त समय न होना बतया है। हालांकि इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी करने से खुद राज्य के सीएम भी बचते दिखाई दिए।
पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि इस मुद्दे को वह सदन में उठाएंगे और विदेश मंत्रालय से इस बारे में जवाब तलब करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन में वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस बारे में जवाब लेना चाहेंगे कि आखिर उन्होंने नीतीश कुमार को जनकपुर जाने से ऐन वक्त पर क्यों रोक दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में नेपाल समेत केंद्र को भी पहले ही सूचित कर दिया गया था। नेपाल ने इस दौरे पर अपनी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी, फिर केंद्र को इस पर क्या आपत्ति हो सकती है।
त्यागी ने कहा कि बिहार और नेपाल में आए इस भूकंप के बाद राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर यहां पर राहत कार्य चला रही है। इस दौरान कई केंद्रीय मंत्री भी बिहार आ चुके हैं। इसके अलावा नीतीश कुमार खुद भी राहत कार्यों को लेकर केंद्र की तारीफ कर चुके हैं। पार्टी नेता के मुताबिक बिहार का नेपाल से बेहद करीबी नाता रहा है। इसके लिए नीतीश कुमार वहां जाकर इस भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहते थे। ऐसा करने से रोकने के पीछे उन्होंने एक राजनीतिक षड़यंत्र बताया।
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