कालेधन को कुछ ऐसे संजो कर रख रहे हैं प्राइवेट वॉल्ट, जानकर हो जाएंगे हैरान
देश की राजधानी में करीब सौ ऐसी जगह हैं जहां पर बैंकों की तर्ज पर लॉकर दिया जाता है जहां कालेधन को छिपाकर रखा जाता है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। सरकार कालेधन को रोकने के लिए भले ही कई बड़े कदम उठा चुकी है, लेकिन कालेधन की चाहत रखने वाले सरकार से एक कदम आगे निकलते दिखाई दे रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपने कालेधन को छिपाने के लिए अब एक नायाब तरीका तलाश कर लिया है। यह नायाब तरीका एक प्राइवेट बैंक का है। अब आप ये कहेंगे कि बैंक तो बैंक है फिर चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी। तो हम आपको बता दें कि यह प्राइवेट दरअसल एक प्राइवेट वैलेट की तरह काम करता है। इस बैंक ने सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। यहां पर अपना कालाधन छिपाने वालों को एक लॉकर दे दिया जाता है, जिसके एवज में इन लोगों से बड़ी रकम सालाना फीस के तौर पर ली जाती है।
इनकी फीस जानकर हैरान रह जाएंगे आप
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि सरकारी बैंक में जहां लॉकर की सुविधा पाने के लिए महज एक हजार रुपये सालाना देने होते हैं वहीं इस तरह के बैंक में पैसे रखने के लिए करीब डेढ़ लाख रुपये सालाना फीस के तौर पर चुकाने पड़ते हैं। लेकिन कालाधन रखने वालों के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है।
महज एक कमरे में चल रहा है बैंक
सरकार की निगाह से बचाने के लिए सामने आए इस तरह के बैंकों का खुलासा आयकर विभाग ने ही किया है। यह देश की राजधानी दिल्ली में है। आप यह सुनकर भी हैरान होंगे कि यह बैंक महज एक कमरे में चल रहा था। इसमें करीब सौ लॉकर थे। यहां पर न कोई कैमरा है, न ही लॉकर का इस्तेमाल करने वालों का कोई केवाईसी होता है। कुल मिलाकर लॉकर के लिए मोटी फीस चुकाकर यहां के लॉकर को कोई भी ले सकता है। अभी तक आयकर विभाग यहां 21 करोड़ रुपये को सीज कर चुका है। पिछले कुछ दिनों में विभाग को ऐसे 41 लॉकर्स से करीब 85 करोड़ रुपये सीज कर चुका है।
इन गैरकानूनी बैंकों का फायदा
दरअसल कालेधन रखने वालों के लिए इस तरह के प्राइवेट बैंक में पैसा रखने के कई फायदे हैं। इसका सबसे बड़ा और पहला फायदा तो यही है कि इसकी जानकारी सरकार तक नहीं पहुंचती है। दूसरा फायदा यह है कि ऐसे लोग बैंकों के चक्कर लगाने से बच जाते हैं। कहा जा रहा है कि यह पैसा गुटखा बनाने वालों और शराब माफिया का है। विभाग को दिल्ली में साउथ एक्स से जो राशि बरामद हुई है उसमें ज्यादातर दो हजार रुपये के नोट हैं।
पहले भी सामने आ चुके हैं इस तरह के बैंक
आपको बता दें कि कुछ वर्ष पहले इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने दिल्ली के कनॉट प्लेस में इसी तरह के एक प्राइवेट बैंक पर छापा मारकर दस करोड़ रुपये की बरामदगी की थी। जिस व्यक्ति का यह बैंक था उसकी करीब तीन अलग-अलग ब्रांच में करीब हजार करोड़ रुपये जमा थे। आयकर विभाग की मानें तो देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह के करीब सौ बैंक काम कर रहे हैं, जहां कालाधन छिपाकर रखा जा रहा है। इसके अलावा इस तरह की सर्विस दूसरे बड़े शहरों में भी है। आयकर विभाग ने इसको लेकर सरकार को लिखा है। इस तरह के बैंकों में ज्यादातर लॉकर्स बेनामी हैं।
कानपुर में 90 करोड़ रुपये मिले
नोट बंदी के 14 माह बीतने के बाद भी पुराने नोट का निस्तारण न करने वाले शहर के दो नामी लोगों समेत सात को पुलिस ने करीब 90 करोड़ रुपये के पुराने नोटों के साथ पकड़ा। ये नोट पूर्वांचल के एक्सचेंज करने वालों के माध्यम से खपाए जाने थे। एसएसपी अखिलेश कुमार ने आइजी क्राइम ब्रांच की सूचना पर एसपी पश्चिम डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी पूर्वी अनुराग आर्य की टीम के साथ स्वरूपनगर, गुमटी, जनरलगंज व अस्सी फिट रोड स्थित व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में छापेमार कर नकदी बरामद की।
गोदाम में रखे गए थे नोट
देर रात तक पुलिस पूछताछ के आधार पर छापेमारी करती रही। वहीं, आयकर टीम पकड़े गए लोगों से पूछताछ व उनसे बरामद रकम की गिनती करती रही। शहर में इतनी ज्यादा मात्रा में पुराने नोट लोगों के घरों व गोदामों में रखे है और संबंधित विभागों को जानकारी तक नहीं। पुलिस की इतनी बढ़ी रकम बरामदगी के बाद आयकर विभाग से लेकर विजलेंस टीम तक की आंखें फटी की फटी रह गईं। इस बरामदगी के बाद आयकर टीम ने शहर के अन्य नामी हस्तियों पर अपनी नजर गड़ा दी है। एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल व छापेमारी जा रही है।
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