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    भारत-चीन के बीच सीमा का निर्धारण न होना कई बार बनता है गलतफहमी की वजह

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Wed, 28 Jun 2017 05:21 PM (IST)

    कैलाश मानसरोवर पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए चीन द्वारा बॉर्डर न खोले जाने की वजह अब सामने आ गई है। चीन ने खुद इसका जिक्र किया है।

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    भारत-चीन के बीच सीमा का निर्धारण न होना कई बार बनता है गलतफहमी की वजह

    नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। सिक्किम में नाथुला के रास्‍ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए चीन द्वारा बॉर्डर के दरवाजे न खोलने की हकीकत अब सामने आ गई है। चीन ने माना है कि उसने जानबूझकर नाथुला पास का बॉर्डर कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नहीं खोला था। चीन ने इसकी वजह बॉर्डर पर तनाव को बताया है। लेकिन चीन ने इसका सीधा आरोप भारतीय सेना पर मढ़ दिया है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत ने चीन की सीमा में परेशानी खड़ी करने की कोशिश की और चीनी इलाके में बनने वाली सड़क के काम में बाधा डाली।

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    चीन ने भारत पर मढ़ा आरोप

    इतना ही नहीं मंत्रालय के प्रवक्‍ता रेन गोकिंग ने यहां तक कहा है कि भारतीय सेना ने सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई संधि का उल्‍लंघन किया है, जिसकी वजह से सीमा पर सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना की तरफ से चीन के क्षेत्र में बनाई जा रही सड़क के निर्माण कार्य को जबरन रोका गया, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया। चीन ने बयान में यह भी कहा कि भारत को उसके क्षेत्र में हो रहे किसी भी निर्माणकार्य को रोकने का कोई अधिकार नहीं है और यह नियमों का उल्‍लंघन है। लेकिन हकीकत इसके बिल्‍कुल उलट है। दरअसल चीन की सेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की न सिर्फ कोशिश की बल्कि भारतीय सीमा में मौजूद दो बंकरों को भी नष्‍ट कर दिया था।

    दोनों तरफ से होती है गलतफहमी

    हालांकि रक्षा विशेषज्ञ और लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड राज काद्यान ने दैनिक जागरण की स्‍पेशल डेस्‍क से बात करते हुए सीमा पर तनाव के सभी दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि चू‍ंकि सिक्किम में भारत और चीन की सीमा के बीच सीमा रेखा का निर्धारित नहीं है, लिहाजा इस तरह की गलतफहमी वहां पर अक्‍सर हो जाया करती हैं। उनके मुताबिक दोनों सेनाओं के बीच हुए समझौते के मुताबिक ऐसे इलाकों में बिना हथियारों के जवानों गश्‍त लगाते हैं। चीन द्वारा भारत के दो बंकर उड़ाने के सवाल उन्‍होंने कहा कि जिन बंकरों की बात मीडिया रिपोर्ट्स में की जा रही है वह दरअसल, अस्‍थाई बंकर होते हैं। वह इस बात से इंकार करते हैं कि इस तरह की घटना का मोदी-ट्रंप की मुलाकात से कोई लेना-देना है। उनका कहना है कि सभी देशों के अपने हित होते हैं जिसको लेकर आपसी समझौते होते हैं। भारत और अमेरिका की मुलाकात के बीच चीन की तनातनी आड़े नहीं आएगी। इसके अलावा जहां तक सिक्किम की बात है वहां पर चुंबी वैली एक ऐसी जगह है जहां पर एक तरफ भूटान है तो दूसरी ओर चीन है और तीसरी तरफ भारत है। इस जगह पर भी भारत और चीन के बीच सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है।

    सीमा पर चीन की घुसपैठ

    पिछले दिनों चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सिक्किम के डोका ला जनरल एरिया में भारतीय सीमा में घुसपैठ की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिकों ने जब सीमा का अतिक्रमण किया तो भारतीय सैनिकों के साथ उनकी झड़पें भी हुईं। इस दौरान चीनी सैनिकों ने दो भारतीय सैन्य बंकर नष्ट कर दिए। दोनों बंकर डोका ला के लालटेन क्षेत्र में थे। इसके बाद चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए भारतीय सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर काफी संघर्ष करना पड़ा। ताकि चीनी सैनिक सीमा के और अंदर न घुस सकें। इसके लिए भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर मानव श्रृंखला बनाई और चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए बाध्य किया।

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    दस दिन पहले शुरू हुई थी कहानी

    चीन के भारत के खिलाफ आंखें तरेरने का सिलसिल करीब दस दिन पहले शुरू हुआ था। इसके बाद सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते भारतीय सेना ने फ्लैग मीटिंग का भी अनुरोध किया था, लेकिन चीन इस पर नहीं माना। बावजूद इसके 20 जून को दोनों पक्षों में बैठक जरूर हुई थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला था। हालांकि अतीत में झांककर देखें तो सिक्किम का डोका ला क्षेत्र जहां इस बार चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है वहां यह पहली घटना नहीं है। नवंबर 2008 में भी पीएलए ने यहां घुसपैठ कर भारत के कुछ सैन्य बंकर नष्ट कर दिए थे।

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    मोदी-ट्रंप की मुलाकात से परेशान चीन

    चीन ने यह हरकत उस वक्‍त की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं और सोमवार को ही उन्‍होंने डोनाल्‍ड ट्रंप से कई मुद्दों पर बातचीत की है। चीन द्वारा की गई घुसपैठ की कोशिश और दो भारतीय बंकरों को तबाह करने के पीछे उसकी वह बौखलाहट साफ झलकती है, जिसकी वजह मोदी-ट्रंप की मुलाकात है। दरअसल इस मुलाकात से पहले ही चीन की सरकारी मीडिया ने इस बात की अटकलें लगाई थीं कि इस मुलाकात के दौरान दोनों राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच चीन के बढ़ते कदमों को रोकने पर जरूर बात होगी।

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    चीन की बौखलाहट

    इतना ही नहीं चीनी मीडिया ने इस बात का जिक्र भी किया था कि इस मुलाकात में पाकिस्‍तान को सबक सिखाने पर भी चर्चा की जाएगी। इसके पीछे कुछ बड़ी वजह बताई गई थीं। इनमें से पहली वजह दक्षिण चीन सागर में दोनों देशों के बीच तनाव, दूसरी वजह जिबूति में चीन का मिलिट्री बेस बनाया जाना है। इसको लेकर अमेरिका इसलिए भी असहज है क्‍योंकि वहां पर उसका भी नेवल बेस है और यह रास्‍ता स्‍वेज नहर के लिए दक्षिण की तरफ से आने वाला मार्ग है। तीसरी और अंतिम वजह चीन की उत्‍तर कोरिया से नजदीकी है, जिसके चलते बार-बार उत्‍तर कोरिया अमेरिका को आंख दिखाता है।

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