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इसरो की नेविगेशन सेटेलाइट लांच की तैयारियां पूरी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] ने गुरुवार को दूसरे नेविगेशन सेटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाने वाले रॉकेट की विभिन्न प्रणालियों का परीक्षण किया। इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-1बी [ आइआरएनएसएस-1बी] को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान [पीएसएलवी] से अगले महीने चार अप्रैल को प्रक्षेपित किया जाना है।

By Edited By: Published: Fri, 28 Mar 2014 08:37 AM (IST)Updated: Thu, 27 Mar 2014 10:07 PM (IST)
इसरो की नेविगेशन सेटेलाइट लांच की तैयारियां पूरी

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] ने गुरुवार को दूसरे नेविगेशन सेटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाने वाले रॉकेट की विभिन्न प्रणालियों का परीक्षण किया। इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-1बी [ आइआरएनएसएस-1बी] को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान [पीएसएलवी] से अगले महीने चार अप्रैल को प्रक्षेपित किया जाना है।

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सतीश धवन स्पेस सेंटर [एसडीएससी] के निदेशक एमवाईएस प्रसाद ने तैयारियों की पुष्टि करते हुए कहा, रॉकेट और सेटेलाइट को एकीकृत कर दिया गया है। पूर्ण वाहन परीक्षण किए जा रहे हैं। प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास 29 मार्च को किया जाएगा। उल्टी गिनती दो अप्रैल से शुरू होगी।

यह नेवेगेशन सेटेलाइट भारत और उसके 1500 किमी के दायरे में रियल टाइम पोजीशन और टाइमिंग की सटीक जानकारी देगा। इस श्रृंखला के सात सेटेलाइट 2015 तक चरणबद्ध तरीके से छोड़े जाएंगे। प्रसाद ने बताया कि पूरी परियोजना पर 1420 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस नेविगेशन सेटेलाइट का वजन 1,432 किलोग्राम है। इसे समुद्री नौवहन और तटीय सीमा की निगरानी के काम के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म करने की राह में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।


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