जानिए, भारत में पैर पसार रहे IS अातंकवादियों का क्या है नापाक इरादे
आतंकियों ने बोगी के अंदर यात्रियों के बीच रैक पर रखे गए उस बैग का फोटो भी खीचा जिसमें बम रखा गया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। इस्लामिक स्टेट, नॉउ वी आर इन इंडिया(अब हम भारत में आ चुके हैं) यह वह संदेश है जिसे आतंकियों ने मंगलवार को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में रखे गए बम में लगा रखा था। एटीएस को यह पर्चा पड़ताल के दौरान ट्रेन से मिला है।आतंकियों ने बोगी के अंदर यात्रियों के बीच रैक पर रखे गए उस बैग का फोटो भी खीचा जिसमें बम रखा गया था।
बुधवार शाम को एटीएस ने भोपाल में तीनों आतंकियों को कोर्ट में पेश किया जहां से तीनों को 23 मार्च तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। बुधवार सुबह नेशनल इंवेस्टीगेशन टीम (एनआईए) भी भोपाल पहुंची। यहां से टीम के कुछ सदस्य शाजापुर घटनास्थल के लिए रवाना हुए और एक टीम ने आतंकियों से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो एनआईए के अधिकारियों ने करीब तीन घंटे तक आतंकियों से अलग-अलग पूछताछ की। एटीएस को शक है कि यह आतंकी अन्य वारदातों में भी शामिल रहे हैं।
जो बम आतंकियों ने ट्रेन में ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल किया वह भी यूपी से ही बनाकर लाए गए थे। इधर उज्जैन जीआरपी से केस डायरी लेकर एटीएस ने मामला दर्ज किया। भोपाल में काम कर चुका था दानिश तीनों आतंकियों में से एक कानपुर निवासी दानिश अख्तर उर्फ जफर दो साल पहले भोपाल आया था और यहां उसने छह महीने तक बतौर मैकेनिक काम किया था। इस बात की जानकारी मिलने के बाद अब एटीएस उसके भोपाल में ठहरने और काम करने की जगह के संबंध में लोगों से पूछताछ करने की तैयारी में है। वहीं दानिश के दो साथी कानपुर निवासी सैय्यद मीर हुसैन उर्फ हमजा और अलीगढ़ निवासी आतिश मुज्जफर उर्फ अलकासिम जाजमऊ पहली बार भोपाल आए थे।
दानिश भोपाल से वाकिफ था इसलिए वो पिपरिया से ट्रेन के रास्ते वापस यूपी जाने के लिए अपने साथियों के साथ निकला था। एक वो हैं और एक हम, कौम के लिए कुछ तो करें। सूत्रों की माने तो पकड़े गए तीनों आतंकवादियों ने पूछताछ में बताया कि वो सैफुल्ला को करीब तीन साल से जानते हैं। उन्होंने बताया कि सैफुल्ला ने उन्हें आईएसआईएस के बारे में बताया था। वह लगातार आईएसआईएस के वीडियो उन्हें दिखाता था और कहता था एक वो हैं और एक हम..कौम के लिए हमें भी कुछ करना होगा।
आतंकियों के मुताबिक उनका इरादा भारत में कई जगहों पर धमाके करने के बाद वे सीधे आईएसआईएस से जुड़ जाने का था ताकि वहां से पैसा मिलता रहे। हालांकि अब तक की जांच में इन युवाओं के आईएसआईएस से स्वप्रेरित होकर घटना को अंजाम देने की बात सामने आई है। तमाम खर्चो का इंतजाम यह युवा खुद कर रहे थे।
मप्र ही निशाने पर क्यों?
आतंकियों से पूछताछ कर एटीएस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर उन्होंने मध्यप्रदेश को निशाना क्यों बनाया। एटीएस यह मानकर चल रही है कि यह सिर्फ ट्रायल नहीं था क्योंकि आतंकियों को ऐसा करना होता तो वह लखनऊ से भोपाल जिस ट्रेन(पुष्पक एक्सप्रेस) में आए उसमें भी बम लगा सकते थे। पैसेंजर ट्रेन की तुलना में पुष्पक में ज्यादा भीड़ रहती है। एटीएस को शंका है कि इस मामले में आगे पूछताछ में आतंकियों की योजना के बारे में नए खुलासे हो सकते हैं।
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