चीन से लोहा लेने सीमा पर टैंकों की तैनाती में जुटा भारत
भारत ने पूर्वी लद्दाख में टीपू सुल्तान, महाराणा प्रताप और औरंगजेब टैंक यूनिट को तैनात किया है।
लद्दाख। टीपू सुल्तान, महाराणा प्रताप और औरंगजेब ये नाम हैं उन टैंक यूनिट के जिन्हें भारत ने पूर्वी लद्दाख में तैनात किया हुआ है। करीब आठ महीने पहले से इन टैंकों को चीन के साथ लगती भारत की काफी ऊंची सीमा पर तैनात किया गया है।
साल 1962 में चीन के साथ लड़ाई में इस तरह को टैंकों का इस्तेमाल किया गया था। युद्ध के वक्त पांच टैंक तो हवाई जहाजों के जरिए उतारा गया था। युद्ध में चीन से हार के बाद भारत ने इन टैंकों को यहां से हटा लिया था। लेकिन, अब एक बार फिर इन टैंकों को यहां पहुंचाया गया है।
एनडीटीवी के मुताबिक, यहां बॉर्डर के पास ही करीब 100 टैंक तैनात किए गए हैं और अभी कुछ और टैंक आने बाकी है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘इतने ऊंचे पहाड़ों से होकर विशाल समतल घाटियों पर टैंकों की तैनाती आसान नहीं है। लेकिन सुरक्षा के कारण इन टैंकों की तैनाती काफी जरूरी है, जिससे हमले के हालात में विरोधियों को जवाब दिया जा सके।‘
टैंक यूनिट के कमांडेंट कर्नल विजय दयाल ने बताया कि '15 हजार फीट की ऊंचाई पर टैंकों को संभालना आसान नहीं है। क्योंकि, यहां मौसम काफी विपरीत होता है और ऑक्सीजन की समस्या भी बनी रहती है।' उन्होंने बताया 'यहां तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है जिसका असर टैंकों के प्रदर्शन में साफ देखने को मिलता है।'
दयाल ने बताया कि 'इन हालातों में टैंकों के लिए दूसरे तरह के ईंधन और लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना पड़ता है। यहीं नहीं, टैंक को गर्म रखने के लिए रात में दो बार उन्हें स्टार्ट करना होता है।'
टीपू सुल्तान टैंक को संभालने वाली यूनिट में सेकंड इन कमांड मेजर एस सिंह ने बताया कि 'तेज हवा के कारण ठंड काफी बढ़ जाती है। मशीनों के लिए हम लगातार काम करते रहते हैं।'
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बता दें भारत-चीन की सीमा पर तनाव हमेशा बना रहता है। कई बार तो चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस जाते हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में इन तरह की घटनाओं में कमी आई हैं।