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Indian Railway: प्लास्टिक से निपटने के लिए रेलवे की पहल, मुंबई राजधानी में लगी बोतल क्रशर मशीन

Western Railway ने प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए Mumbai Rajdhani express में बोतल कर्शर मशीन लगाई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:09 PM (IST)
Indian Railway: प्लास्टिक से निपटने के लिए रेलवे की पहल, मुंबई राजधानी में लगी बोतल क्रशर मशीन
Indian Railway: प्लास्टिक से निपटने के लिए रेलवे की पहल, मुंबई राजधानी में लगी बोतल क्रशर मशीन

नई दिल्ली, एजेंसी। Indian Railways रेलवे ने प्लास्टिक बोतलों के कारण होने वाले कचरे से निपटने की दिशा में एक कदम बढ़ाया है। वेस्टर्न रेलवे (Western Railway) ने प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए पहली बार मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (Polyethylene Perephthalate) सिस्टम लगाया गया है, जो प्लास्टिक बोटलों को क्रश करती है। इसकी मदद से आप ट्रेन में प्लास्टिक बोतल (Plastic Bottle) को नष्ट कर सकेंगे।

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दरअसल, इस कर्शर मशीन को राजधानी एक्सप्रेस में भारतीय रेलवे के स्वच्छ भारत (Swachchh Bharat Abhiyan) और गो ग्रीन मिशन (Go Green Mission) के तहत लगाया गया है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) को खत्म करने के फासले के तहत इसे लगाया गया है।

बोतलों को रिसाइकिल करने की क्षमता

ये मशीन में हर रोज 3000 बोतलों को क्रश करने की क्षमता रखती है और साथ ही 90 पॉलिइथलीन टेरप्थलेट (PET) बोतलों को रिसाइकिल कर सकती है। इस मशीन से 200 मिलीलीटर से लेकर 2.5 लीटर की क्षमता तक सभी प्रकार की पीईटी बोतलों को क्रश किया जा सकता है।

कार्बन फुटप्रिंट्स में आएगी कमी

बता दें कि इस मशीन में लगभग 20 लीटर की इंटरनल स्टोरेज बिन है, जिसमे 1500 बोतलें डाली जा सकती है। माना जा रहा है कि वेस्टर्न रेलवे द्वारा उठाए गए इस कदम से कार्बन फुटप्रिंट्स में 100 प्रतिशत की कमी आएगी साथ ही बोतलों से होने वाले कचरे को कम करने में मदद मिलेगी।

पीएम मोदी ने की थी अपील

गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को भारत से खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि क्या हम भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कर सकते हैं। इसपर मेरी टीम काम कर रही है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि गांधी जयंती से पहले सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज बंद हो जाए।

27 मार्च को केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम (2016) में संशोधन किया था। नए कानून के अनुसार देश भर में प्लास्टिक (और प्लास्टिक उत्पादों) के निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं को प्लास्टिक से बने उत्पादों को दो साल के भीतर चरणबद्ध तरीके से कम करना होगा। 

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