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Indian Railway: रेलवे ने हमसफर ट्रेनों से Flexi-Fare हटाया; हुए कई अहम बदलाव

Indian Railway भारतीय रेलवे ने अपनी 35 प्रीमियम हमसफर ट्रेनों से फ्लेक्सी-फेयर (Flexi-Fare) स्कीम को हटा दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 09:02 AM (IST)
Indian Railway: रेलवे ने हमसफर ट्रेनों से Flexi-Fare हटाया; हुए कई अहम बदलाव
Indian Railway: रेलवे ने हमसफर ट्रेनों से Flexi-Fare हटाया; हुए कई अहम बदलाव

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Indian Railway मालभाड़ों में रियायत के बाद अब ट्रेनों के किरायों में भी रियायत का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत प्रीमियम 'हमसफर' ट्रेनो से की गई है। इन ट्रेनों में आरक्षण की मांग में गिरावट को देखते हुए रेलवे ने फ्लेक्सी किराये खत्म करने के साथ तत्काल किरायों में कमी का ऐलान किया है।

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इसी के साथ इन ट्रेनों में स्लीपर क्लास कोच लगाने करने का निर्णय भी लिया गया है। अभी इन ट्रेनों में केवल थर्ड एसी के कोच लगते हैं। शुक्रवार को आनंद विहार-इलाहाबाद हमसफर में चार स्लीपर कोच लगा भी दिए गए।

ये राहत 35 जोड़ा हमसफर ट्रेनों में लागू होगी
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि हमसफर ट्रेनों के तत्काल टिकट की दरें भी कम की गई हैं। अब इनके तत्काल टिकट के लिए डेढ़ गुना के बजाय केवल 1.3 गुना किराया देना होगा। इसका मतलब हुआ कि अब हमसफर के तत्काल टिकट भी सामान्य मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के तत्काल टिकट की दर पर मिलेंगे।

यही नहीं, अब हमसफर का बेस फेयर मेल-एक्सप्रेस ट्रेनो के बेस फेयर से 1.15 गुना होगा। अब तक ये सुपरफास्ट ट्रेनो के बेस फेयर का 1.15 गुना होता था। पहली चार्टिग से पहले हमसफर के टिकट बेस फेयर में 10 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ बेचे जाएंगे। इन कदमों से भी हमसफर के प्रभावी किराये में कमी आएगी। ये राहत अग्रिम आरक्षण अवधि से लागू मानी जाएगी। इसके लिए पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

इससे कुछ सप्ताह पहले रेलवे एसी चेयर कार व एक्जीक्यूटिव क्लास सिटिंग वाली चुनिंदा ट्रेनों के किरायों में 25 प्रतिशत तक की रियायत देने का ऐलान कर चुकी है। इनमें शताब्दी, गतिमान, तेजस, डबल डेकर तथा इंटरसिटी ट्रेने शामिल हैं।

क्या होता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम?
भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है। इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है, उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है। ऐसा ज्यादातर त्योहारी सीजन में ही होता है। वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती है, तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं। अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था।

बता दें कि भारतीय रेलवे ने 9 सितंबर 2016 को राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों के लिए फ्लेक्सी फेयर सिस्टम शुरू किया था। इसके मुताबिक मांग बढ़ने पर बेस फेयर में 10 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक किराये में बढ़ोतरी की जाती है। यह योजना सिर्फ एसी टू टियर, एसी थ्री टियर, एसी चेयर कार, स्लीपर और द्वितीय श्रेणी (आरक्षित) टिकटों पर लागू है।


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