G-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत निभाएगा अपनी जिम्मेदारी, बढ़ती महंगाई को थामने का देगा फार्मूला
G-20 भारत बतौर अध्यक्ष समस्याओं के समाधान पर काम करेगा। पहली बार 50 शहरों में जी-20 बैठक का आयोजन किया जाएगा अधिकारियों ने बताया कि पूर्व के जी-20 बैठकों के मुकाबले भारत में होने वाला आयोजन बहुत ही अलग होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत एक दिसंबर, 2022 से दुनिया के आर्थिक इंजन समझे जाने वाले शीर्षस्थ 20 देशों के संगठन जी-20 का आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष बन जाएगा। दिसंबर, 2022 से सितंबर, 2023 के बीच भारत के 50 शहरों में जी-20 के तहत तकरीबन 200 बैठकों का आयोजन होगा। भारत की कोशिश होगी कि अभी दुनिया के समक्ष जो अहम आर्थिक चुनौतियां हैं उनका व्यापक समाधान निकालने को लेकर सभी देशों के बीच एक सहमति बने।
भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से करेगा साझा
पूरी दुनिया में जिस तरह से महंगाई की समस्या बढ़ती जा रही है और छोटे-बड़े सभी देशों के समक्ष मंदी की मार पड़ने का खतरा पैदा हुआ है, उसे दूर करने को लेकर एक वैश्विक रणनीति सामने आये। इसके साथ ही भारत की एक अहम कोशिश यह होगी कि आजादी के 75 वर्षों में उसने जो प्रगति हासिल की है उसको बेहतर तरीके से दुनिया के सामने रखा जाए।
जी-20 की तैयारियों से जुड़ी जानकारी देते हुए सरकार के उच्चपदस्थ अधिकारियों ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कई ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसे विकासशील व गरीब देशों को साझा किया जा सकता है। जैसे डिजिटल लेनदेन के मामले में या रिन्यूवेबल इनर्जी के मामले में।
जी-20 की बैठक में भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से साझा करेगा ताकि दूसरे देश इसका लाभ उठा सके। कोविड महामारी और उसके बाद यूक्रेन-रूस युद्ध से संयुक्त राष्ट्र की तरफ से समाजिक व आर्थिक विकास से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने की बात हाशिये पर चली गई है।
भारत इस बैठक के जरिए कोशिश करेगा कि फिर से इस पर बात हो और आगे किस तरह से बढ़ा जाए, इसको लेकर एक रास्ता सामने आये। यूक्रेन युद्ध ने खाद्य, उर्वरक और इंधन की आपूर्ति को काफी प्रभावित किया है। बाली शिखर बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह मुद्दा उठाया था।
भारत बतौर अध्यक्ष इस समस्या के समाधान पर काम करेगा। पहली बार 50 शहरों में जी-20 बैठक का आयोजनअधिकारियों ने बताया कि पूर्व के जी-20 बैठकों के मुकाबले भारत में होने वाला आयोजन बहुत ही अलग होगा। सबसे अहम बात तो यह है कि पहली बार 50 शहरों में इनका आयोजन होगा। इसके पहले चीन में जब जी-20 का आयोजन हुआ था कि तब 14 शहरों में और इंडोनेशिया में 25 शहरों में आयोजन किया गया था।
इस बारे में पूछे जाने वाले जी20 बैठक के प्रमुख समन्वयक हर्ष श्रृंगला ने बताया कि हमारी कोशिश है कि भारत का ब्रांड नाम और मजबूती से स्थापित हो और वैश्विक पर्यटन के मानचित्र पर भारत का आकर्षण बढ़े। यही वजह है कि आयोजन स्थलों के चुनाव से लेकर आमंत्रित मेहमानों को दिए जाने वाले भेंट व उपहारों तक पर भारत की सभ्यता व संस्कृति की विशेष छाप दिखाई देगा।
Video: UK PM Rishi Sunak G20 Summit से पहले Russia पर क्यों भड़के? | G20 Summit 2022
दो सौ आयोजनों के अलावा भी कई तरह के सहायक आयोजन होंगे। जी-20 बैठकों को भारत के प्रमुख पर्व-त्योहारों से जोड़ा गया है। पोंगल, मकर-संक्राति, महाशिवरात्रि जैसे पर्वों से वैश्विक समुदाय को परिचित कराने का काम भी इन आयोजनों के जरिए होगा ताकि देश के अलग-अलग हिस्सों की परंपरा को सामने लाया जा सके। भारत में आयोजनों का सिलसिला एक दिसंबर, 2022 से ही शुरु हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: Fact Check Story: पुरानी तस्वीरों को हाल में इमरान पर हुए हमले का बता कर किया जा रहा है शेयर
G20 Summit in India: गांव-गांव तक पहुंचेगी ऊर्जा स्वतंत्रता और कार्बन उत्सर्जन कम करने की मुहिम