Move to Jagran APP

अंकगणित से नहीं सरकार के प्रयास से तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत, चिदंबरम के अर्थव्यवस्था वाले बयान पर बरसीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने हाल ही में कहा था कि प्रधानमंत्री कोई भी बने इस समय जहां अर्थव्यवस्था है उसके बाद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा ही। प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कह चुके हैं कि पिछले 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हमने पांचवें स्थान पर ला दिया और अब यह मोदी की गारंटी है कि तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Mon, 29 Apr 2024 08:41 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 08:41 PM (IST)
निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले का दस साल पूर्ण रूप से खोया हुआ दशक था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था की तरक्की पर हाल ही में दिए गए कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जमकर बरसीं। विशाखापत्तनम में आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि अंकगणितीय अनिवार्यता से नहीं बल्कि सरकार के प्रयास से भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

loksabha election banner

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने हाल ही में कहा था कि प्रधानमंत्री कोई भी बने इस समय जहां अर्थव्यवस्था है, उसके बाद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा ही। प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार के दौरान कई बार यह कह चुके हैं कि पिछले 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हमने पांचवें स्थान पर ला दिया और अब यह मोदी की गारंटी है कि तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले का दस साल पूर्ण रूप से खोया हुआ दशक था। तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए भारत को स्थिर सरकार की जरूरत है। कुछ भी अपने आप नहीं हो जाता है, प्रयास से ही विकास होता है। सीतारमण ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री विकास को लेकर ऐसी धारण बनाना चाहते हैं जो पूरी तरह से असत्य है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले के दस सालों में खराब नीति, व्यापक रूप से फैले हुए भ्रष्टाचार से अर्थव्यवस्था असल में वर्ष 2004 की स्थिति से भी नीचे चली गई थी। उन्होंने कहा कि जीडीपी रैंकिंग और प्रति व्यक्ति आय के साथ देश की छवि भी बहुत मायने रखती है, अगर किसी परिवार की आय ठीक-ठाक नहीं है तो उस परिवार के सभी सदस्यों की जरूरतें पूरी नहीं की जा सकतीं। वैसे ही, देश का जीडीपी अधिक नहीं होगा तो अर्थव्यवस्था की मांग पूरी नहीं की जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.