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दूसरे नौवहन उपग्रह का सफल प्रक्षेपण

देश के दूसरे नौवहन उपग्रह आइआरएनएसएस-1बी को एक राकेट के साथ शुक्रवार की शाम आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र [एसडीएससी] से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। यह उपग्रह सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया है।

By Edited By: Published: Fri, 04 Apr 2014 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 04 Apr 2014 07:59 PM (IST)
दूसरे नौवहन उपग्रह का सफल प्रक्षेपण

श्रीहरिकोटा। देश के दूसरे नौवहन उपग्रह आइआरएनएसएस-1बी को एक राकेट के साथ शुक्रवार की शाम आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र [एसडीएससी] से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। यह उपग्रह सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया है।

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भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली [आइआरएनएसएस]-1 बी को लेकर 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी पीएसएलवी-सी24 रॉकेट शाम पांच बजकर 14 मिनट पर नारंगी रंग का धुंआ छोड़ता हुआ अंतरिक्ष की तरफ रवाना हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] का राकेट मिशन कंट्रोल रूम इस पर नजर रखे हुए है। इसरो अधिकारियों को भरोसा है कि इस महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियान को बड़ी सफलता मिलेगी।

आइआरएनएसएस श्रृंखला के इस दूसरे 1,432 किलोग्राम वजनी उपग्रह का कार्यकाल दस साल होगा। भारत ने अपना पहला नौवहन उपग्रह आइआरएनएसएस-1ए एक जुलाई, 2013 को प्रक्षेपित किया था। प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन के राधाकृष्णन ने कहा कि इस साल के अंत तक ऐसे दो और उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे। नौवहन उपग्रह को भारत ने विकसित किया है और इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि देश के उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ देश की सीमा से 1,500 किमी दूरी तक सही वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सके।

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