विश्व के कई देशों में फंसे अपनों को बचाने के लिए भारत ने चलाए हैं कई बड़े ऑपरेशन, सुरक्षित हुई है देश वापसी
सूड़ान में स्थिति नाजूक होने के बाद भारत ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अपने वायुसेना और नौसेना को कमान सौंप दिया है। केंद्र ने बताया कि भारतीय वायु सेना के दो C-130J विमान को सऊदी अरब के जेद्दाह में स्टैंडबाय पर रखा गया है।
नई दिल्ली, सोनू गुप्ता। दुनिया के किसी भी देश में जब कभी आपदाएं आती है तो भारत अपनों को बचाने के लिए पहली पंक्ति में खड़ा रहता है। दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों को वहां से निकालने का भारत का एक लंबा इतिहास रहा है। हाल ही के समय में रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के समय में भी यह देखने को मिला। रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होते ही जहां दुनिया के कई देश अपने नागरिकों की परवाह नहीं की वहीं, भारत ने अपने एक-एक नागरिक को युद्धग्रस्त क्षेत्र से निकाला।
सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मिशन शूरू
वर्तामान में पूर्वोत्तर अफ्रीका में स्थित देश सूड़ान में स्थिति नाजूक होने के बाद भारत ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अपने वायुसेना और नौसेना को कमान सौंप दिया है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि भारतीय वायु सेना के दो C-130J विमान को सऊदी अरब के जेद्दाह में स्टैंडबाय पर तैनात किया गया है, जबकि आईएनएस सुमेधा सूडान पहुंच गया है।
सूडान में सेना और अर्ध सैनिक बल के बीच संघर्ष जारी
मालूम हो कि सूडान में 15 अप्रैल से खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में सूडानी सेना और अर्ध सैनिक बल (आरएसएफ) के बीच घातक सशस्त्र संघर्ष देख रहा है। सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार तक संघर्ष में 400 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 3,500 घायल हुए।
भारत ने शुरू किया था 'ऑपरेशन गांगा'
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध से उपजे संकट के कारण भारत ने अपने नागरिकों को बचाने और उनको विदेशी जमीन से स्वेदश सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने साल 2022 में 'ऑपरेशन गांगा' की शुरूआत की। यूक्रेन से जब भारतीय छात्रों को लेकर पहला फ्लाइट स्वदेश लौटी तो पीयूष गोयल खुद अगवानी करने के लिए पहुंचे थे। इस अभियान के द्वारा यूक्रेन में फंसे करीब 22,500 से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाया गया था।
वंदे भारत मिशन
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन को शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत 30 अप्रैल 2021 तक लगभग 60 लाख से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया। केंद्र के मुताबिक, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों से 18,79,968 भारतीयों ने वापसी की। वहीं, 36,92,216 लोगों ने चार्टर्ड उड़ानों के माध्यम से देश वापसी की। इस मिशन में भारतीय नौसेना ने अहम योगदान निभाते हुए अपनी जहाजों से 3,987 भारतीयों को स्वदेश लौटने में मदद की, जबकिर 5,02,151 को जमीनी सीमाओं के माध्यम से वापस लाया गया।
ऑपरेशन समुद्र सेतु
आपरेशन समुद्र सेतु कोरोना महामारी के दौरान अन्य देशों से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए एक नौसैनिक अभियान था। इस अभियान के तहत 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते वतन वापस लाया गया। भारतीय नौसेना के जहाज जलाश्व (लैंडिंग प्लेटफार्म डाक), और ऐरावत, शार्दुल और मगर (लैंडिंग शिप टैंक) ने इस आपरेशन में भाग लिया। यह अभियान करीब 55 दिनों तक चला और इसमें समुद्र के द्वारा 23,000 किमी से अधिक की यात्रा शामिल थी।
ऑपरेशन राहत
यमनी सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच साल 2015 में संघर्ष छिड़ गया। सऊदी अरब द्वारा घोषित नो-फ्लाई जोन होने के कारण हजारों भारतीय फंसे हुए थे और यमन हवाई मार्ग से सुलभ नहीं था। ऑपरेशन राहत के तहत भारत ने यमन से लगभग 5,600 लोगों को निकाला।
ऑपरेशन मैत्री
ऑपरेशन मैत्री को नेपाल में 2015 में आए भूंकंप के बाद चलाया गया था। इस अभियान के तहत सेना-वायु सेना के संयुक्त ऑपरेशन में नेपाल से वायु सेना और नागरिक विमानों की मदद से 5,000 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया। भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी के 170 विदेशी नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला।