ग्लोबल पुलिसिंग को नई दिशा दिखा रहा भारत, अपराधी गिरोहों के खिलाफ इंटरपोल के कई आपरेशन का कर रहा नेतृत्व
ग्लोबल पुलिसिंग के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के बढ़ते दबदबे के असर को देखा जा रहा है। इंटरपोल की मदद से भारत की नेशनल जांच एजेंसी यानी एएनआइ दुनिया भर में फैले संगठित अपराधी गिरोहों के खिलाफ ग्लोबल आपरेशन की अगुवाई कर रही है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के बढ़ते दबदबे का असर ग्लोबल पुलिसिंग में दिख रहा है। इंटरपोल (इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस आर्गेनाइजेशन) की मदद से भारत की नेशनल जांच एजेंसी दुनिया भर में फैले संगठित अपराधी गिरोहों के खिलाफ ग्लोबल आपरेशन की अगुवाई कर रहा है। 18 से 21 अक्टूबर के बीच दिल्ली में होने वाली इंटरपोल की महासभा की बैठक में ग्लोबल पुलिसिंग में भारत की भूमिका और बढ़ाने को लेकर अहम फैसला होने की उम्मीद है।
भारतीय एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने पर जोर
गृहमंत्री बनने के बाद से ही अमित शाह इंटरपोल में भारतीय एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। ध्यान देने की बात है कि भारत में सीबीआइ इंटरपोल के लिए नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी के रूप में काम करता है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके पहले इंटरपोल में उनकी भूमिका सिर्फ भगोड़े अपराधियों को लेकर सूचनाओं के आदान-प्रदान तक सीमित थी।
आपरेशनों का कर रहा नेतृत्व
इसके अलावा किसी भगोड़े अपराधी के पकड़े जाने की स्थिति में उसे संबंधित देश, जहां उसने अपराध किया को सौंपने के लिए कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना था। लेकिन पहली बार भारत में इंटरपोल की शाखा के रूप में सीबीआइ चाइल्ड एब्यूज और ड्रग स्मलिंग के खिलाफ दो आपरेशन का नेतृत्व कर रहा है।
इंटरपोल के प्लेटफार्म का किया जा रहा इस्तेमाल
चाइल्ड एब्यूज के खिलाफ अभियान को आपरेशन चक्र और ड्रग स्मलिंग के खिलाफ अभियान को आपरेशन गरुड़ नाम दिया गया है। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दोनों ही आपरेशन के तहत इंटरपोल के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपरेशन चक्र और आपरेशन गरुड़ से जुड़ी सूचनाएं रियल टाइम में इंटरपोल के सभी 195 सदस्य देशों के पास पहुंच जाती है।
ऐसे एक्शन को अंजाम दे रही सीबीआइ
इसके बाद इसमें कार्रवाई योग्य सूचनाओं को संबंधित देशों को भेजा जाता है। उनके अनुसार पिछले दिनों इंटरपोल के प्लेटफार्म से भारत में चाइल्ड एब्यूज से जुड़े वीडियो भारत में क्लाउड सर्वर पर डाउनलोड और साझा किये जाने की जानकारी मिली। न्यूजीलैंड के मिली इस जानकारी के आधार पर सीबीआइ ने सभी आइपी एड्रेस और उससे जुड़ी व्यक्तियों की पहचान की औैर उनके ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।
ड्रग तस्करों पर ऐसे कसा शिकंंजा
भारत में इसका नाम आपरेशन मेघ चक्र दिया गया। इसी तरह से भारत ने आपरेशन गरुड़ के तहत इंटरनेशनल लिंक वाले ड्रग तस्करों के ठिकानों पर आठ राज्यों में छापा मारा। इसके तहत 127 नए केस दर्ज किये गए और 175 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। अब सीबीआइ इन ड्रग तस्करों से दूसरे देशों में फैले उनके लिंक की पड़ताल कर रही है और ठोस जानकारी मिलने पर संबंधित देशों के साथ साझा किया जाएगा और इंटरपोल के माध्यम से उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
ग्लोबल पुलिसिंग में भारत की बड़ी भूमिका
उनके अनुसार आने वाले वर्षों ने अन्य संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ इसी तरह का आपरेशन शुरू किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्लोबल पुलिसिंग में भारत की बड़ी भूमिका का रास्ता इंटरपोल के महासचिव जरगेन स्टाक के साथ अगस्त 2019 में गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात के बाद साफ हो गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री ने किया था अनुरोध
शाह ने स्टाक को अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधियों से निपटने में भारतीय एजेंसियों के अनुभव का हलाभ उठाने को कहा था, जिसे स्टाक ने तत्काल स्वीकार कर लिया। उसी बैठक में शाह ने 2022 में भारत के अमृत महोत्सव के अवसर पर इंटरपोल की महासभा भारत में कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद इंटरपोल ने 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक भारत में महासभा की बैठक करने पर फैसला किया।
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