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संयुक्‍त राष्‍ट्र में अहम रोल निभाने के लिए हुआ भारत का चयन, ECOSOC में दो वर्ष का होगा कार्यकाल

भारत संयुक्‍त राष्‍ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में सदस्‍य के तौर पर चुना गया है। ये परिषद संयुक्‍त राष्‍ट्र के छह खास अंगों में से एक है। इसमें चुने जाने पर भारतीय राजदूत ने सभी का धन्‍यवाद अदा किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 09:44 AM (IST)
संयुक्‍त राष्‍ट्र के छह अंगों में से एक के लिए चुना गया भारत

नई दिल्‍ली (यूएन)। भारत संयुक्‍त राष्‍ट्र के एक अहम ऑर्गेन आर्थिक और सामाजिक परिषद (इकनॉमिक एंड सोशल कांउसिल) के लिए चुना गया है। ये यूएन प्रमुख छह भागों में से एक है। भारत को वर्ष 2022-2024 के लिए चुना गया है। भारत अब इसके 54 सदस्‍यों में से एक है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रीमूर्ति ने इसमें चयन को लेकर सभी का धन्‍यवाद किया है। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वो उन सभी का धन्‍यवाद अदा करते हैं जिन्‍होंने भारत में पक्ष में वोट दिया। ये परिषद संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न लक्ष्‍यों की प्राप्ति के लिए एक अहम भूमिका अदा करती है। ये संयुक्‍त राष्‍ट्र का एक ऐसा केंद्र है जहां पर डिबेट के जरिए विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है कि आगे बढ़ने और यूएन के लक्ष्‍य पूरा करने का मार्ग तय किया जाता है। ये संयुक्‍त राष्‍ट्र की बैठकों और सम्‍मेलनों के लिए भी उत्‍तररादयी होती है।

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सोमवार को हुए चुनाव में भारत को इस परिषद का सदस्‍य एशिया प्रशांत क्षेत्र के तौर पर चुना गया है। इसमें अफगानिस्‍तान, कजाखिस्‍तान और ओमान शामिल थे। अफ्रीकी देशों में से मॉरिशस, ट्यूनेशिया, तंजानिया, एसवाटिनी और कोट डी आईवोरे को, पूर्वी यूरोपीय देशों में से क्राेएशिया, चेक रिपब्लिक, दक्षिण अमेरिका और केरेबियन देशों से बेल्‍जी, चिली और पेरू को इसके लिए चुना गया है। सोमवार को हुए एक चुनााव में जनवरी से दिसंबर 2022 के लिए ग्रीस, न्‍यूजीलैंड, डेनमार्क ओर इजरायल को 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 22 तक के लिए चुना गया है।

आपको बता दें कि भारत फिलहाल में वर्ष 2021-22 के लिए यूएन सुरक्षा परिषद में अस्‍थायी सदस्‍य के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है। जहां तक इकोसोक की बात है तो आपको बता दें कि इसका गठन 45 में किया गया था। ये यूएन के छह प्रमुख भागों में से एक है। इसके 54 सदस्‍यों को जनरल असेंबली द्वारा तीन वर्ष के लिए चुना जाता है। क्षेत्रिय आधार पर इसमें किसी को सदस्‍यता मिलती है। जैसे अफ्रीकी देशों के लिए 14, एशियाई देशों के लिए 11, यूरोपीय देशों के लिए 6, दक्षिण अमेरिकी देशों के लिए 10, केरिबियाई और पश्चिमी यूरोप समेत कुछ अन्‍य क्षेत्रों के लिए 13 सीटें हैं।


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