Weather Updates: केरल के कुछ हिस्सों में आरेंज अलर्ट जारी, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी होगी झमाझम
इस सप्ताह केरल कर्नाटक महाराष्ट्र और गोवा को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने केरल के कुछ इलाकों में तीन दिनों के लिए आरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। IMD के अनुसार आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय इलाके भी बारिश से सराबोर हो सकते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) ने केरल के कुछ इलाकों में अगले सप्ताह तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। IMD ने शनिवार को बताया कि 11, 12, 13 अक्टूबर को राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
वहीं कर्नाटक के तटीय इलाकों में 11 से 13 अक्टूबर तक और उत्तर में अंदरुनी इलाकों में 10, 12 और 13 अक्टूबर को भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा रायासीमा (Rayalaseema) में भी आगामी चार दिनों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय इलाके भी बारिश से सराबोर हो सकते हैं। गोवा और कोंकण में भी 11 अक्टूबर को बारिश हो सकती है। वहीं मध्य महाराष्ट्र में 10 और 11 अक्टूबर को बारिश के आसार हैं।
तीन दिनों तक केरल में भारी बारिश
बारिश को लेकर संवेदनशील इलाकों में तिरुअनंतपुरम (Thiruvananthapuram), कोल्लम (Kollam),पठनमथिट्टा (Pathanamthitta), अलापुझा (Alappuzha), कोट्टायम (Kottayam), अर्नाकुलम (Ernakulam) और इडुक्की (Idukki) शामिल है जिनके लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश के बाद हैदराबाद के कई इलाके जलमग्न
हैदराबाद में दो सप्ताह से भी कम समय में दूसरी बार शुक्रवार को भारी बारिश हुई है, जिससे कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए। साथ ही यातायात और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। दूसरी ओर बिहार में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण किसानों की खरीफ फसल को काफी नुकसान पहुंचा। कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए रिपोर्ट भेज दी है। आकलन के अनुसार जल्द ही किसानों को नियमानुसार समुचित फसल क्षतिपूर्ति हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इंटरनेशनल जर्नल आफ क्लाइमेटोलाजी में प्रकाशित एक अध्ययन का दावा है कि तेज हीट वेव का पिछले कुछ दशकों में दक्षिण की ओर खतरनाक रूप से विस्तार हुआ है। जहां दैनिक औसत तापमान कम रहा करता है, अब वहां भी तीव्र हीट वेव में वृद्धि घातक साबित हो रही है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में इसके कारण मृत्यु दर भी बढ़ी है।