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इलाहाबाद के खुल्दाबाद और धूमनगंज थाने में अब आईजी और एसएसपी करेंगे कैंप

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया है। अब शहर के खुल्दाबाद और धूमनगंज थानों में तीन दिन तक लगने वाले पुलिस कैंप में उत्तर प्रदेश के आईजी पुलिस (कानून व्यवस्था) नहीं बैठेंगे बल्कि उनकी जगह इलाहाबाद रेंज के आईजी और एसएसपी बैठेंगे और शिकायतें सुनेंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 10:42 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 10:42 PM (IST)
इलाहाबाद के खुल्दाबाद और धूमनगंज थाने में अब आईजी और एसएसपी करेंगे कैंप
इलाहाबाद के खुल्दाबाद और धूमनगंज थाने में अब आईजी और एसएसपी करेंगे कैंप

माला दीक्षित, नई दिल्ली। इलाहाबाद में गुमशुदा बच्चों के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया है। अब शहर के खुल्दाबाद और धूमनगंज थानों में तीन दिन तक लगने वाले पुलिस कैंप में उत्तर प्रदेश के आईजी पुलिस (कानून व्यवस्था) नहीं बैठेंगे बल्कि उनकी जगह इलाहाबाद रेंज के आईजी और एसएसपी बैठेंगे और शिकायतें सुनेंगे।

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ये आदेश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व न्यायमूर्ति एमएम शांतागौडर की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की एडीशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी की दलीलें सुनने के बाद दिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 20 नवंबर को गुमशुदा बच्चों और लड़कियों की ट्रैफिकिंग संबंधी शिकायतों की जांच के लिए इलाहाबाद के दो थानों में तीन दिन तक पुलिस कैंप लगाने के आदेश दिये थे।

हाईकोर्ट ने कहा था कि थाना धूमनगंज और थाना खुल्दाबाद में 7 और 8 दिसंबर को पुलिस कैंप लगाकर गायब बच्चों के बारे में शिकायतें सुनेंगी और दर्ज मामलों की जांच की स्थिति देखेगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कैंप में दिन भर उत्तर प्रदेश के आईजी पुलिस (कानून व्यवस्था) स्वयं बैठेंगे। तीसरे दिन वे किसी भी थाने में जाकर जांच कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ऐश्वर्या भाटी ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी निकाय चुनाव हुए हैं। प्रदेश में आईजी कानून व्यवस्था का एक ही पद होता है उसे एक ही थाने में दिन भर बैठने और तीन दिन तक एक ही जगह रहने का आदेश देना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि इलाहाबाद रेंज के आइजी हैं और एसएसपी हैं वे कैंप में बैठ कर शिकायतें देख सकते हैं। दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि उनका मानना है कि हाईकोर्ट को इस तरह के जनरल निर्देश नहीं जारी करने चाहिए थे जिसमें उसने आईजी कानून व्यवस्था को पुलिस कैंप में बैठने का आदेश दिया है। ऐसे आदेश देना कोर्ट का काम नहीं है।

पीठ ने कहा कि प्रदेश सरकार भरोसा दिला रही है कि आइजी कानून व्यवस्था एक ही पद होता है उनकी निगरानी में दूसरे अधिकारी गुमशुदा बच्चों के मामलों की जांच और सुनवाई कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि हाईकोर्ट ने इलाहाबाद की कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर गंभीर टिप्पणियां की थीं और कहा था कि कानून व्यवस्था ठीक रखना सरकार की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट ने तीन दिन दो थानों में कैंप लगाने की सूचना को अखबार में छापने का भी आदेश दिया था ताकि लोगों को उसके बारे में पता चल सके।

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