35 दिन पहले ही इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सुकमा हमले की दे दी थी चेतावनी
खास तौर से हमले की संभावित जगह के बारे में भी सूचित किया था, जिसे या तो नजरअंदाज किया गया या वहां तैनात सैनिकों को बताया नहीं गया।
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ जवानों पर हुए भयानक हमले को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इंटेलीजेंस ब्यूरो ने इसके बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी। खास तौर से हमले की संभावित जगह के बारे में भी, जिसे या तो नजरअंदाज किया गया या वहां तैनात सैनिकों को बताया नहीं गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है, जिसके अनुसार हमले के 35 दिन पहले यानि की 20 मार्च को गृह मंत्रालय को इस बारे में अलर्ट किया गया था। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को हुए हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इसे खुफिया एजेंसी की असफलता बताया जा रहा है। केंद्रीय सुरक्षा बल के कई अधिकारियों का मानना है कि सुकमा हमला छत्तीसगढ़ पुलिस इंटेलीजेंस की असफलता का परिणाम है।
हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया का कहना है कि इंटेलीजेंस ब्यूरो ने संभावित हमले की निश्चित जानकारी दी थी और इसे गृह मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई थी। मगर यह सूचना बस्तर में सुरक्षा कमांडरों से संबंधित थी यह स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के अनुसार, इंटेलीजेंस ब्यूरो ने चेतावनी दी थी कि नक्सली हमले की तैयारी के लिए चिंतागुफा में रेकी कर रहे हैं। आपको बता दें कि हमला बर्कापल में हुआ था जो इसी क्षेत्र में है।
आखिर किन परिस्थितियों के तहत जवान इस हमले के शिकार हो गए, इसकी समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से रिपोर्ट मांगी है। करीब 100 जवानों को चिंतागुफा-बर्कापल-भेजी क्षेत्र के आस-पास सड़क निर्माण के लिए सुरक्षा प्रदान करने का काम सौंपा गया था। मगर वे छोटी-छोटी टीमों में बंट गए थे। इनमें से दो हमले का शिकार हो गए।
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