'मैं भी आपकी तरह दुखी और चिंतित हूं...' आखिर क्यों परेशान है आंनद महिंद्रा; कोटा सुसाइड को लेकर कही ये बात
Anand Mahindra on Kota Suicide कोटा में पढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के बढ़ते मामलों से सरकार से लेकर हर व्यक्ति चिंतित है। राजस्थान प्रशासन ने इन आत्महत्याओं को रोकने की दिशा में कई कदम उठा रही है बावजूद इसके आत्महत्या के मामलों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। इन खबरों से परेशान महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने भी बच्चों को सलाह दी है ।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोटा में बच्चे तनाव के कारण लगातार मौत को गले लगा रहे हैं। रविवार को भी दो बच्चों ने आत्महत्या कर ली। बढ़ती आत्महत्याओं के कारण राजस्थान के सरकार ने भी कई कदम उठाए है। बच्चों द्वारा उठाए जा रहे इस कदम को रोकने के लिए गहलोत सरकार ने एक समिति बनाई है।
इस साल कोटा में आत्महत्या के मामलों में पिछले साल से भी ज्यादा तेजी देखी गई है। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने भी बढ़ते आत्महत्या से चिंतित होकर कहा कि वह इस खबर से "परेशान" हैं। उन्होंने बच्चों को सलाह देते हुए कहा कि बच्चों को इस पड़ाव पर अपना लक्ष्य खुद को साबित करना नहीं बल्कि खुद को ढूंढना होना चाहिए। उन्होंने राजस्थान शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को "खुद को साबित करने" के बजाय "खुद को खोजने" की सलाह दी है।
बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर एक्स (औपचारिक रूप से ट्विटर) पर एक टिप्पणी का जवाब देते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, “इस खबर से मैं भी उतना ही परेशान हूं जितना आप हैं। इतने सारे उज्ज्वल भविष्यों को ख़त्म होते देखना मेरे लिए दुखद है। मेरे पास साझा करने के लिए कोई महान बातें या ज्ञान नहीं है। लेकिन मैं कोटा के हर छात्र से कहना चाहूंगा कि जीवन के इस पड़ाव पर आपका लक्ष्य खुद को साबित करना नहीं बल्कि खुद को ढूंढना है।''
आनंद महिंद्रा ने बच्चों को सलाह देते हुए आगे कहा कि परीक्षा में सफलता की कमी आत्म-अन्वेषण की यात्रा का एक हिस्सा मात्र है। इसका मतलब है कि आपकी असली प्रतिभा कहीं और है। आप अपने आपको खोजते रहो और यात्रा करते रहो। बिजनेस टाइकून ने कहा, ''आखिरकार एक दिन आप खुद को खोज लेंगे और खुद ही उजागर कर लेंगे कि आपके अंदर सर्वश्रेष्ठ क्या है...।''
कोटा में हर साल लाखों बच्चे करने जाते हैं इन परीक्षाओं की तैयारी
आपको बता दें कि इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर साल दो लाख से अधिक छात्र कोचिंग हब कोटा जाते हैं और वहां इन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।