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पढ़ें लिखे भी नहीं बच पा रहे क्रेडिड कार्ड फ्रॉड से

मुंबई। क्रेडिट कार्ड से हो रहे धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार के तमाम चेतावनी के बाद भी आप अपनी बैंकिंग डाटा किसी अनजान व्यक्ति यहां तक की बैंक अधिकरियों से भी साझा कर रहे हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी से कम नहीं हैं। मुंबई शहर में सभी पुलिस स्टेशनों में क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी की शिक

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 06:08 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 06:08 PM (IST)

मुंबई। क्रेडिट कार्ड से हो रहे धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार की तमाम चेतावनी के बावजूद आप अपना बैंकिंग डाटा किसी अनजान व्यक्ति यहां तक की कथित बैंक अधिकरियों से भी साझा कर रहे हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी से कम नहीं हैं।

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मुंबई शहर में सभी पुलिस स्टेशनों में क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी की शिकायतें प्रतिदिन आ रही है। शिकायतों पर गौर करें तो लगभग हर मामले में धोखेबाजों ने पासवर्ड सहित गोपनीय जानकारियां लेकर लोगों को मुर्ख बनाया है।

क्रेडिट कार्ड से हो रहे धोखाधड़ियों से बचने के लिए बैंक अपने ग्राहकों में जागरूकता फैलाने के लिए तरह-तरह के अभियान चला रखे हैं, जिससे इस तरह के मामलों पर रोक लग सके। लेकिन धोखाधड़ियों पर इसका कोई असर नहीं है। उनका यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है।

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी की इस खेल में जालसाज लोगों को विश्वास में लाने के लिए तरह-तरह का प्रलोभन देते है। ग्राहकों से सौम्य तरीके से बात करने वाले जालसाज इस तरह बात करते हैं ताकि सामने वाले को यह भरोसा हो जाए कि वह किसी बैंक अधिकारी से बात कर रहा है। इसके लिए जालसाज ग्राहकों पर रेकी करते हैं।

पुलिस अधिकारियों की माने तो हाल की घटनाओं में कॉल करने के लिए दिल्ली के सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था, जिससे घटनाओं के पीछे दिल्ली के किसी गिरोह का हाथ होने का संदेह है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि मुंबई का भी एक गिरोह दिल्ली के सिम का इस्तेमाल कर रहा है।

पुलिस अधिकरियों ने बताया कि जालसाज प्रत्येक पीड़ितों के खातों से 7,500 रुपये से 8,000 तक का निकासी करते हैं। उन्होंने बताया कि यह जांच किया जा रहा है कि गिरोह पीड़ितों के निजी जानकारियां कैसे हासिल करते हैं। उन्होंने संदेह जताया कि जालसाज पीडितों के पैसों की जानकारियों के लिए किसी कंपनी की स्थापना भी की होगी।

कैसे बनाया मुर्ख

अक्षिता उडयावर, 'ऑल अबाउट एनीमेशन' नाम से एक वेबसाइट चलाती है। उन्होंने बताया कि 19 जुलाई को मेरे पास एक कॉल आई। कॉल करने वाला अपने आप को बैंक का अधिकारी बताया जिसका मैं क्रेडिट कार्ड उपयोग करती हूं।

अक्षिता ने बताया कि कॉल करने वाला व्यक्ति ने मोबाइल नंबर से कॉल किया था। उसने कहा कि कार्ड की सुरक्षा और क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए आपको अपने कार्ड को अपग्रेड कराना होगा। उन्होंने बताया की मैं कुछ बोल पाती उसके पहले ही उस व्यक्ति ने मुझे मेरी निजी जानकारियां देने लगा। उसके पास पूरा नाम, पूरा पता और जन्म तिथि सहित मेरी सभी व्यक्तिगत जानकारियां थीं।

उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को यह भी पता था कि मैं दो क्रेडिट कार्ड रखती हूं। इससे मुझे उस पर शक नहीं हुआ। कॉल के दौरान ही मेरे मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड का संदेश प्राप्त हुआ। मुझे इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि मैंने पासवर्ड दिया है। उसी दौरान मेरे खाते से 7,750 रुपये की निकासी हो गई। अगले दिन मैंने बैंक को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि बैंक से इस तरह का कोई कॉल नहीं गया था। मैं चौंक गई और मुझे एहसास हुआ कि मैं जालसाजों का शिकार हो चुकी हूं।

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