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कमला मिल्स अग्निकांडः अगर 'हुक्का' न होता, तो नहीं होता मुंबई अग्निकांड!

मुंबई के पब में आग लगने का कारण संचालकों की लापरवाही है। शुरुआती जांच में हुक्का आग लगने का कारण माना जा रहा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 10:22 AM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 11:16 AM (IST)
कमला मिल्स अग्निकांडः अगर 'हुक्का' न होता, तो नहीं होता मुंबई अग्निकांड!
कमला मिल्स अग्निकांडः अगर 'हुक्का' न होता, तो नहीं होता मुंबई अग्निकांड!

मिड-डे, अनुराग कांबले/संतोष वाघ। शायद ही कोई मुंबई अग्निकांड को अपने जहन से कभी भुला पाए। जश्न कैसे मातम में तब्दील हो गया, कैसे पलभर में सबकी खुशियां छिन गईं। मुंबई के पब में आग लगने का कारण संचालकों की लापरवाही है। पुलिस का कहना है कि '1-एबव' के संचालकों को पूर्व में कई बार चेताया गया था कि पब में हुक्का न रखें लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की। अब तक कि शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि हुक्के के कारण ही आग लगी है। यही नहीं आपातकालीन स्थिति होने पर पब में आग बुझाने का भी कोई प्रबंध नहीं था। ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर भी पब संचालक बेहद लापरवाह थे। यदि दमकल विभाग की फाइनल रिपोर्ट में भी आग लगने का कारण हुक्का मिलता है, तो पब मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, मोजो और '1-एबव' के मालिकों को पूर्व में कई बार हुक्का न रखने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद 'मोजो' ने अपने ग्राहकों के लिए हुक्के की सेवाएं बंद कर दीं, लेकिन '1-एबव' नहीं माना। पूर्व में भी उस पर कार्रवाई की गई है, लेकिन वह सुधरा नहीं। जिसका परिणाम इस भयानक हादसे के रूप में सामने आया है। नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया, यदि किसी भी पुलिसकर्मी की मिलीभगत पाई जाती है तो उसे भी कड़ी सजा भुगतनी होगी।

 

आग ने भारतवंशी अमेरिकी भाइयों की भी जान ली
खुशबू भंसाली की जन्मदिन पार्टी में भारतीय मूल के अमेरिका के दो भाई और उनकी आंटी भी आईं थीं, लेकिन आग ने उनकी जिंदगियां भी छीन लीं। मृतकों की पहचान धरिया ललानी (26), विश्व ललानी (23) और उनकी आंटी प्रमिला केनिया के रूप में हुई है। ललानी परिवार के एक करीब विनोद सेठिया (70) ने बताया कि प्रमिला को बचाने के चक्कर में धरिया और विश्व की मौत हो गई। धरिया अमेरिका में कार्यरत थे। एक सप्ताह पहले ही भारत आए थे। वहीं विश्व करीब एक साल से अपने माता-पिता के पास उपनगर माटुंगा में ही रह रहा था।

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