Move to Jagran APP

PFI पर कहर बनकर टूटी एजेंसियां, गृह मंत्री अमित शाह ने की कार्रवाई की समीक्षा, NIA, ED और IB निदेशक खुद कर रहे थे निगरानी

केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के कार्यालयों पर छापेमारी की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशभर में हुई कार्रवाई की खुद समीक्षा की। यही नहीं एजेंसियों के निदेशक भी कार्रवाई की मानीटर‍िंंग करते रहे...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 09:33 PM (IST)
PFI पर कहर बनकर टूटी एजेंसियां, गृह मंत्री अमित शाह ने की कार्रवाई की समीक्षा, NIA, ED और IB निदेशक खुद कर रहे थे निगरानी
पीएफआइ के आतंकी नेटवर्क पर जांच एजेंसियां कहर बनकर टूट पड़ी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूरे देश में फैले पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के आतंकी नेटवर्क पर जांच एजेंसियां कहर बनकर टूट पड़ी। बुधवार को आधी रात को शुरु हुए आपरेशन में एनआइए और ईडी के अधिकारियों ने 15 राज्यों में फैले पीएफआइ के 93 ठिकानों पर छापा मारा। आतंकी गतिविधियों और फं¨डग से जुड़े अहम दस्तावेजों की बरामदगी के साथ ही 106 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पीएफआइ के अध्यक्ष ओएमए सलमान समेत पी कोया, ई अबूबकर, इलामरम और सीपी मोहम्मद बसीर शामिल हैं।

loksabha election banner

एजेंसियों के निदेशक करते रहे निगरानी

एनआइए, ईडी और आइबी के निदेशक कंट्रोल रूप में बैठकर खुद आपरेशन की निगरानी करते रहे। बाद में गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में आपरेशन की समीक्षा की। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार देश भर में लगभग सभी सांप्रदायिक हिंसा और जानलेवा हमलों में पीएफआइ का सामने आने के बाद लगभग पांच महीने पहले इसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया गया। इसके बाद आइबी ने पीएफआइ के पदाधिकारियों और उससे जुड़े लोगों पर नजर रखना शुरू किया।

विस्तृत रिपोर्ट सौंपी

चार महीने की मेहनत के बाद पीएफआइ ने उनके 24 घंटे की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद एनआइए और ईडी के साथ इसके साझा किया गया और आपरेशन की पूरी रूपरेखा तैयार की गई। इसके साथ ही छापा मारने वाली टीमों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया गया।

सीआरपीएफ की सुरक्षा के बीच कार्रवाई

खासतौर पर तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों में टीमों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई। आधी रात को शुरु हुए आपरेशन की उच्च स्तर पर मानिटरिंग भी होती रही। सूत्रों के अनुसार एनआइए के कंट्रोल रूम में खुद इसके महानिदेशक दिनकर गुप्ता थे। इसी तरह से ईडी के कंट्रोल रूम में इसके निदेशक संजय मिश्र और आइबी के कंट्रोल रूम से इसके निदेशक तपन डेका पल-पल की जानकारी लेते रहे। बताया जाता है कि एनएसए अजीत डोभाल भी कुछ समय बाद आइबी के कंट्रोल रूम में गए थे।

93 से अधिक स्थानों पर छापेमारी

छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद अमित शाह ने इसकी उच्च स्तरीय समीक्षा की। इसमें एनआइए, ईडी और आइबी के निदेशकों के साथ-साथ गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार 15 राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर में 93 से अधिक स्थानों पर छापा मारा गया।

घर और दफ्तर की तलाशी

इसमें पीएफआइ के शीर्ष नेतृत्व और सदस्यों के घर और दफ्तर की तलाशी ली गई। कुल 106 आरोपियों को को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 45 को एनआइए ने और 61 को ईडी व स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को स्थानीय अदालतों में पेश कर पुलिस कस्टडी ली जा रही है, ताकि उनसे आगे पूछताछ की जा सके।

कराटे के ट्रेनिंग की आड़ में युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण

इस मामले में एनआइए ने केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में अलग-अलग पांच नई एफआइआर दर्ज की है। इसी महीने एनआइए ने तेलंगाना में कराटे के ट्रेनिंग की आड़ में युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने के मामले में भी एफआइआर दर्ज की थी। शुरू में तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में 25 पीएफआइ कैडर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी, जिसे बाद में एनआइए को सौंप दिया गया।

आतंकी फ‍ंंडिंग की भी जांच 

इस मामले में पिछले दिनों एनआइए ने 40 स्थानों पर छापा मारा था। तेलंगाना समेत नए दर्ज सभी मामलों में ईडी ने मनी लां¨ड्रग का केस दर्ज कर आतंकी फंडिंग की जांच शुरू कर दी है। छापे के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी के साथ-साथ धारदार हथियार और डिजिटल उपकरण बरामद किये गए हैं।

दस्तावेजों से मिली सनसनीखेज जानकारियां

एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार छापे दौरान मिले दस्तावेजों से साफ हुआ है कि पीएफआइ देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने, दंगे भड़काने और निर्दोष लोगों की हत्या करने के साथ-साथ युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाकर उन्हें आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट (आइएस) में शामिल होने के लिए उकसाता भी था। ध्यान देने की बात है कि केरल से बड़ी संख्या में युवाओं ने आइएस में शामिल होने के लिए सीरिया गए थे और उनमें कई अभी भी अफगानिस्तान में आइएस (खुरासान) के लिए काम कर रहे हैं।

अब तक 355 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

ध्यान देने की बात है कि पीएफआइ के खिलाफ एनआइए पहले से ही 14 केस की जांच कर रही हैं। नए पांच केस मिलाकर इनकी संख्या 19 हो चुकी है। एनआइए अभी तक पीएफआए से जुड़े 355 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिनमें 46 अभियुक्तों को सजा भी हो चुकी है। इन मामले में केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने से लेकर आरएसएस, भाजपा व अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े युवा नेताओं की जघन्य हत्या तक शामिल है।

आतंकी ट्रेनिंग देने का आरोप

2010 में प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में 2015 में दाखिल चार्जशीट में ही एनआइए पीएफआइ पर युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने का आरोप लगा चुकी है। इसके अलावा दिल्ली दंगे, हाथरस कांड की आड़ में सामाजिक वैमनस्य बढ़ाने की कोशिश, कर्नाटक में थाने पर हिंसक हमला, रांची और कानपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के पीछे भी पीएफआइ की भूमिका सामने आ चुकी है। जुलाई में पटना में पीएफआइ के ठिकाने पर मारे गए छापे में मिले दस्तावेजों में 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने की बात भी सामने आ चुकी है।  

यह भी पढ़ें- मदरसों की आड़ में आतंकी फंडिंग और इस्लामिक आतंकवाद का फैलाव- एक्‍सपर्ट व्‍यू

यह भी पढ़ें- PFI की बड़ी साजिश का खुलासा, युवाओं को इस तरह दी जा रही आतंकी हमले की ट्रेनिंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.