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दो पतियों की जानकारी छिपाई, तीसरा विवाह अमान्‍य

विवाह कोर्ट ने इस आधार पर शून्य घोषित कर दिया कि पत्नी ने पूर्व दो पतियों की जानकारी छिपाकर तीसरी शादी की थी।

By vivek pandeyEdited By: Published: Sat, 06 Dec 2014 11:14 AM (IST)Updated: Sat, 06 Dec 2014 11:21 AM (IST)
दो पतियों की जानकारी छिपाई, तीसरा विवाह अमान्‍य

इंदौर। एक दंपति का विवाह कोर्ट ने इस आधार पर अमान्य घोषित कर दिया कि पत्नी ने पूर्व दो पतियों की जानकारी छिपाकर तीसरी शादी की थी। कोर्ट ने माना कि पूर्व दोनों पतियों से महिला ने नोटरी पर तलाकनामा लिखवा लिया था, जो हिन्दू विवाह एक्ट का उल्लंघन है। मामला इसलिए भी रोचक है, क्योंकि यह महिला की तीसरी और पुरुष की चौथी शादी थी।

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कुटुंब प्रधान न्यायाधीश भारती बघेल की कोर्ट ने यह फैसला लिंबोदी निवासी रेस्टॉरेंट व्यवसायी अजीत सिंह (48) के परिवाद पर सुनाया। अजीत की ओर से वकील सीमा भाटिया व प्रवीण योगी ने कोर्ट में साबित किया कि 37 वर्षीय महिला रश्मि ने झूठ बोलकर अजीत से विवाह किया था। उसने यह तथ्य छिपाया था कि उसके पूर्व में दो पति रह चुके हैं।

यही नहीं, उसे पहले पति से एक पुत्र भी है, जिसे वह रिश्तेदार का बेटा बताकर साथ रखती थी। उस बच्चे को अजीत ने पिता का नाम भी दिया था, लेकिन जब अजीत की पूर्व में दो पत्नियां और होने की हकीकत सामने आई तो वह घर छोड़कर चल दी। अजीत ने फिर भी उसके साथ गृहस्थी बसाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं आई।

कोर्ट में पूर्व दो पतियों की जानकारी भी पेश की गई। एक पति ने उस पर केस भी किया था। 4 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने अजीत का परिवाद स्वीकार किया और उनका विवाह शून्य घोषित किया।

पुरुष की भी थी चौथी शादी

केस के दौरान महिला रश्मि ने कोर्ट में बताया था कि अजीत की भी पहले तीन पत्नियां रह चुकी हैं, लेकिन उसने शादी के वक्त सिर्फ अपनी पहली मृत पत्नी के बारे में ही बताया था, जबकि उसकी दो पत्नियां और रह चुकी हैं।

पहली पत्नी से एक पुत्र भी था, जिसे उसने अपने मामा का लड़का बताया था। इस पर वकील सीमा भाटिया ने मृत पत्नी और दो पत्नियों से विधिवत् तलाक होने के दस्तावेज पेश किए। साथ ही कानून का हवाला देकर पक्ष रखा कि रश्मि के पूर्व पति जीवित थे। फिर भी उसने विधिवत् तलाक नहीं लिया। इसलिए अजीत और रश्मि का विवाह शून्य घोषित किया जाए।

एक नजर में मामला

- अजीत सिंह और रश्मि की शादी मई 2005 में हुई थी। दोनों पक्ष के अनुसार उन्होंने अपने-अपने बच्चों को खुद के बजाय रिश्तेदार का होना बताया।

- रश्मि का कहना था कि उसने पहले पति से पुत्र होने की बात बता दी थी, इसलिए अजीत ने उसे अपना नाम दिया, बाकी अन्य शादी से इनकार कर दिया।

- कोर्ट में यह बात सामने आई कि रश्मि का पहला पति भूपेंद्र सिंह खेड़ा राजस्थान और दूसरा पति अशोक चावला इंदौर से हैं। इनसे नोटरी पर तलाक हुआ।

- अजीत और रश्मि के बीच लंबे समय तक भरण-पोषण का केस भी चला था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

(साभार-नई दुनिया)

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