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आदर्श घोटाले में शिंदे के खिलाफ याचिका मंजूर

बांबे हाई कोर्ट ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को आदर्श घोटाले में आरोपी बनाने की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। सीबीआइ अपनी जांच में शिंदे को क्लीन चिट दे चुकी है। जस्टिस पीवी हरदास और पीएन देशमुख की पीठ ने गुरुवार को कहा कि बेनामी लेनदेन संबंधी सीबीआइ की जांच पूरी होने के बाद इस य

By Edited By: Published: Thu, 17 Oct 2013 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2013 02:11 AM (IST)

मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को आदर्श घोटाले में आरोपी बनाने की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। सीबीआइ अपनी जांच में शिंदे को क्लीन चिट दे चुकी है।

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पढ़ें: आदर्श घोटाले में शिंदे को सीबीआइ की क्लीन चिट

जस्टिस पीवी हरदास और पीएन देशमुख की पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि बेनामी लेनदेन संबंधी सीबीआइ की जांच पूरी होने के बाद इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वाटगांवकर के मुताबिक विवादित आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में शिंदे का बेनामी फ्लैट है, लिहाजा उन्हें भी घोटाले का आरोपी बनाया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि कन्हैयालाल गिडवानी ने आदर्श घोटाले की जांच के लिए गठित आयोग को बताया था कि शिंदे ने दिवंगत मेजर एनडब्ल्यू खानखोजे को सोसाइटी का सदस्य बनाने का सुझाव दिया था। खानखोजे के बेटे किरण का हालांकि कहना है कि उनके पिता ने वसीयत में आदर्श सोसाइटी में फ्लैट का कोई जिक्र नहीं किया है। वाटगांवकर ने मांग की है कि पूर्व मेजर के परिवार और शिंदे के रिश्तों की सीबीआइ से जांच कराई जाए।

पीएसी ने की आदर्श घोटाले के लिए रक्षा मंत्रालय की खिंचाई

नई दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले पर रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के शासन तंत्र में हर स्तर पर बड़ी नाकामी को लेकर दोनों की जमकर खिंचाई की है। बृहस्पतिवार को स्वीकार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासनिक नाकामियों की वजह से ही यह घोटाला हुआ।

रिपोर्ट में पीएसी ने कहा है कि छानबीन में इस बात की पुष्टि हुई है कि सेना द्वारा सोसाइटी को भूमि आवंटन से लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने तक की पूरी प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। साथ ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा विभिन्न रियायतें देने से लेकर हर स्तर पर अनियमितता बरती गई और उसके अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग किया।

पीएसी ने रिपोर्ट में कहा है कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे कुछ चुनिंदा अधिकारियों के एक समूह ने नियम-कायदों के साथ तथ्यों को भी उलट दिया। साथ ही सैनिकों के कल्याण, युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और उनके बच्चें के साथ छल किया। पीएसी ने आदर्श घोटाले की रिपोर्ट के साथ रक्षा संपत्ति और परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) पर दो और रिपोर्ट भी स्वीकार की।

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