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गुजरात राज्य सभा चुनाव: जदयू के इस विधायक पर टिकी सबकी नज़रें

दोनों पार्टियों से बात करूंगा और देखूंगा कि किस पार्टी ने मध्य गुजरात के आदिवासियों और आदिवासियों को बेहतर लाभ दिलाया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 05 Aug 2017 02:01 AM (IST)Updated: Sat, 05 Aug 2017 05:46 AM (IST)
गुजरात राज्य सभा चुनाव: जदयू के इस विधायक पर टिकी सबकी नज़रें
गुजरात राज्य सभा चुनाव: जदयू के इस विधायक पर टिकी सबकी नज़रें

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए गुजरात कांग्रेस के अपने विधायकों संगठित करने में संघर्षरत है। ऐसे में राज्य के अकेले जेडीयू विधायक छोटाभाई वसावा का कहना है कि अभी तक उन्होंने किसी को भी वोट करने का फैसला नहीं लिया है। पिछले सप्ताह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने और एनडीए ज्वाइन करने के बाद वसाव ने पटेल के लिए अपने समर्थन का वादा किया था।

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मीडिया में आई खबरों के मुताबिक वसावा ने कहा था कि, अभी मैंने राज्य सभा चुनाव में अपनी वोटिंग के बारे में निश्चय नहीं किया है कि किसे वोट करूं, यह फैसला मैं 8 अगस्त को लूंगा। वसावा ने कहा, जब पटेल अपना नामांकन गांधीनगर के लिए दाखिल कर रहे थे तब मैं दिलचस्पी से उनके साथ था। अहमद पटेल एक पब्लिक फिगर और राजनीतिज्ञ हैं उनके साथ मुझे कोई नुकसान नही दिखता है। मैं बहुत पहले से उनको जानता हूं।

जब वसावा से पूछा गया कि बीजेपी और कांग्रेस इस करीबी मुकाबले में उनके बहुमूल्य मत के लिए उनसे संपर्क कर रहीं हैं, तो वासव ने कहा, दोनों पार्टियां मेरे साथ संपर्क में हैं, मैं दोनों पार्टियों से बात करूंगा और देखूंगा कि किस पार्टी ने मध्य गुजरात के आदिवासियों और आदिवासियों को बेहतर लाभ दिलाया है। फिर मैं तय करूंगा कि किसे वोट करना है। वसावा ने 2007 और 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में जेडीयू टिकट पर सेंट्रल गुजरात की झगड़िया सीट जीती थी। इससे पहले, उन्होंने गुजरात आदिवासी विकास पक्ष की टिकट पर सीट जीती थी।

उन्होंने गुजरात विधानसभा में आदिवासी और आदिवासी अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने के उद्देश्य से जीएवीपी का गठन किया था। वसावा ने कहा कि बिहार में जेडीयू और भाजपा के बीच हालिया गठबंधन का गुजरात के 8 अगस्त के राज्यसभा चुनाव में उनके मत पर कोई असर नहीं होगा। बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा के बीच गठबंधन का गुजरात परिदृश्य के साथ कुछ भी नहीं है। मेरा वोट उस पार्टी के लिए होगा जो आदिवासियों के लिए बेहतर योजनाएं प्रदान करता है।

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