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Electoral Bonds: सरकार ने इलेक्टोरल बांड की 26वीं किश्त को दी मंजूरी, सोमवार से होगी बिक्री

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से इलेक्टोरल बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaPublished: Fri, 31 Mar 2023 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 07:53 PM (IST)
Electoral Bonds: सरकार ने इलेक्टोरल बांड की 26वीं किश्त को दी मंजूरी, सोमवार से होगी बिक्री
Electoral Bonds: सरकार ने इलेक्टोरल बांड की 26वीं किश्त को दी मंजूरी, सोमवार से होगी बिक्री

नई दिल्ली, पीटीआई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बांड की 26वीं खेप जारी करने को मंजूरी दी। बता दें कि 3 अप्रैल से इलेक्टोरल बांड बिक्री के लिए खुले होंगे।

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चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा, जबकि 13 मई चुनाव परिणाम घोषित होंगे।

राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने की कोशिशों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में इलेक्टोरल बांड को पेश किया गया।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से इलेक्टोरल बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।

इलेक्टोरल बांड का आखिरी चरण 19 से 28 जनवरी, 2023 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। आम तौर पर चुनावी बांड ट्रेंच एक निर्धारित महीने की 1 से 10 तारीख के बीच में बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं।

बता दें कि चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होगा। बयान में कहा गया है कि अगर वैधता अवधि समाप्त होने के बाद बांड जमा किया जाता है, तो किसी भी राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।

क्या है इलेक्टोरल बांड ?

केंद्र सरकार ने देश के राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में इलेक्टोरल बांड शुरू करने का एलान किया था। इलेक्टोरल बांड से मतलब एक ऐसे बांड से होता है, जिसके ऊपर एक करेंसी नोट की तरह उसकी वैल्यू लिखी होती है। यह बांड व्यक्तियों, संस्थाओं अथवा संगठनों द्वारा राजनीतिक दलों को रकम दान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इलेक्टोरल बांड एक हजार, दस हजार, एक लाख, दस लाख तथा एक करोड़ रुपये के मूल्य के होते हैं। सरकार की ओर से चुनावी बांड जारी करने और उसे भुनाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक को अधिकृत किया गया है, जो अपनी 29 शाखाओं के माध्यम से यह काम करता है।

अधिकृत एसबीआई शाखाओं में बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शामिल हैं।

इलेक्टोरल बांड को लाने के लिए सरकार ने फाइनेंस एक्ट-2017 के जरिये रिजर्व बैंक एक्ट-1937, जनप्रतिनिधित्व कानून -1951, आयकर एक्ट-1961 और कंपनी एक्ट में कई संशोधन किए गए थे।


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