ताप बिजली संयंत्रों पर सरकार ने बदला रुख, 28 हजार मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं का काम होगा तेज
ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2.04 लाख मेगावाटअभी देश में ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2.04 लाख मेगावाट है जो देश में स्थापित कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50.3 प्रतिशत है। वहीं फ्रांस और दूसरे देशों मे बंद पड़े ताप बिजली घरों को शुरू किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रूस-यूक्रेन युद्ध् के चलते जिस तरह से वैश्विक ऊर्जा बाजार में अफरातफरी का माहौल है, उससे भारत सरकार अपनी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी नीतियों पर दोबारा विचार करने पर मजबूर हो गई है। पिछले पांच वर्षों से कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया जा रहा था, लेकिन अब विचार बदल रहा है।
25 हजार मेगावाट क्षमता की नई ताप बिजली परियोजना
ना केवल अर्धनिर्मित 25 हजार कोयला आधारित परियोजनाओं का काम तेज करने का फैसला किया गया है बल्कि इतनी ही क्षमता की कुछ नई ताप परियोजनाओं को भी हरी झंडी दिखाए जाने को लेकर सरकार तैयार है। अगर ऐसा होता है तो ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता में 25 प्रतिशत वृद्धि होगी। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अभी तक कार्बन उत्सर्जन पर सबसे ज्यादा शोर बचाने वाले यूरोपीय देशों में भी कोयला आधारित बिजली घरों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
फ्रांस और दूसरे देशों मे बंद पड़े ताप बिजली घरों को किया शुरू
रूस से गैस आपूर्ति बाधित होने के बाद जर्मनी, फ्रांस और दूसरे देशों मे बंद पड़े ताप बिजली घरों को शुरू किया गया है। ऐसे में भारत अपनी विशाल ऊर्जा खपत को देखते हुए कोयले के विकल्प को नकार नहीं सकता। इसका यह मतलब नहीं है कि वर्ष 2070 तक देश में कार्बन उत्सर्जन खत्म करने की सरकार की 'नेट जीरो' की नीति को दरकिनार किया जाएगा। इस नीति के तहत वर्ष 2030 तक देश में पांच लाख मेगावाट बिजली नवीकरणीय क्षेत्र के जरिये बनाने का काम निर्धारित योजना के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है।
ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2.04 लाख मेगावाट
ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2.04 लाख मेगावाटअभी देश में ताप बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2.04 लाख मेगावाट है, जो देश में स्थापित कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50.3 प्रतिशत है। बिजली मंत्री आरके सिंह ने पिछले दिनों दैनिक जागरण को बताया था कि भारत में बिजली की मांग पिछले वर्ष के मुकाबले 25 हजार मेगावाट रोजाना बढ़ चुकी है। यह मांग और बढ़ेगी। इसकी दो वजहे हैं।
पहला कारण है कि 2.89 घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा गया है। दूसरा, भारत की आर्थिक विकास दर काफी तेज रहने की संभावना है। इस मांग को पूरा करने के लिए हम तेजी से उन बिजली परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देंगे जो निर्माणाधीन है। इसमें 28,000 मेगावाट क्षमता की ताप बिजली परियोजनाएं हैं जबकि 80,000 मेगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा की परियोजनाएं है।
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