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राज्यसभा में बुधवार को पेश होगा GST बिल, भाजपा संसदीय दल की बैठक आज

जीएसटी बिल बुधवार को चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। सोनिया गांधी के वाराणसी में रोड शो की वजह से मंगलवार को ये बिल राज्य सभा में नहीं रखा जाएगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2016 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Aug 2016 09:33 AM (IST)
राज्यसभा में बुधवार को पेश होगा GST बिल, भाजपा संसदीय दल की बैठक आज

नई दिल्ली, प्रेट्रपिछले काफी समय से लंबित पड़े वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल को चर्चा के लिए राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि सभी राजनीतिक दलों की तरफ से इस बिल का समर्थन दिया जाएगा। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जीएसटी बिल राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों से इसमें सहयोग की अपेक्षा करते हैं। जीएसटी पास होने के पक्ष में इस वक्त पूरा माहौल है।

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जीएसटी पर भाजपा संसदीय दल की होगी बैठक

जीएसटी बिल राज्यसभा में पेश किये जाने की संभावनाओं के बीच बीजेपी संसदीय दल की आज बैठक होगी। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसदों को इस बिल से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियां देने के साथ साथ आने वाले दिनों में पार्टी अपनी रणनीति पर भी चर्चा करेगी। जीएसटी बिल को देखते हुए बीजेपी ने राज्यसभा में व्हिप जारी करते हुए अपने सभी सदस्यों को सोमवार से बुधवार तक सदन में मौजूद रहने को कहा है।

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जीएसटी पर कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मंथन

जीएसटी के मुद्दे पर सोमवार को एक बार फिर से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य पार्टियों के साथ बातचीत हुई। इसमें वामपंथी दल और समाजवादी पार्टी के नेता भी शामिल थे ताकि इस पर एक राय बनाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, एक बार फिर से खुद वित्तमंत्री अरूण जेटली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा से बात कर उनकी आपत्ति पर सहमति बनाने की कोशिश की है। जेटली ने अन्य नेताओं के साथ ही सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने अनंत कुमार के साथ लोकसभा के स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की।

कांग्रेस से फिर आज हो सकती है चर्चा

जीएसटी बिल पर एक बार फिर से आज कांग्रेस के साथ बातचीत हो सकती है। केंद्र सरकार बिल को मंगलवार को ही सदन में लाना चाहती थी। लेकिन, कांग्रेस के नेता इस बात के लिए राजी नहीं थे। उसकी वजह है मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का वाराणसी में रोड शो का होना। इसके चलते कई और कांग्रेस के सांसद सोनिया गांधी के साथ ही वाराणसी में होंगे।

एक फीसद मैन्यूफैक्चरिंग कर लगाने का प्रस्ताव वापस

वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक में सरकार चार बड़े बदलाव करेगी। तमाम राजनीतिक दलों और राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद सरकार ने यह तय किया है। जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा में अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस हफ्ते संसद से जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक पर मुहर लग सकती है।

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राज्यों को अब पांच साल तक नुकसान की सौ फीसद भरपाई

जो चार बदलाव इस विधेयक में किए गए हैं उनमें एक फीसद अतिरिक्त कर का प्रस्ताव वापस लेना सबसे अहम है। मूल विधेयक में मैन्यूफैक्चरिंग राज्यों को फायदा पहुंचाने के मकसद से तीन वर्षों तक राज्यों के बीच होने वाले व्यापार पर एक फीसदी की दर से अतिरिक्त टैक्स लगााने का प्रस्ताव था।इसके अतिरिक्त जीएसटी लागू होने के बाद किसी तरह के नुकसान की सूरत में पांच साल तक सौ फीसद मुआवजा देने का प्रावधान भी शामिल किया गया है। मूल विधेयक में पहले तीन साल तक सौ फीसद, चौथे साल में 75 फीसद और पांचवें साल में 50 फीसद भरपाई का प्रस्ताव था। तीसरा बदलाव विवाद सुलझाने की नयी व्यवस्था बनाने संबंधी है। इसमें राज्यों की आवाज बुलंद होगी।

मौजूदा स्वरूप में जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा जीएसटी

पहले विवाद सुलझाने की व्यवस्था मतदान पर आधारित थी जिसमें दो तिहाई मत राज्यों और एक तिहाई केद्र के पास था।विधेयक में एक नए प्रस्ताव के जरिये जीएसटी दर का ऐसा मूल सिद्धांत लाया जाएगा जो राज्यों के साथ-साथ आम लोगों को नुकसान नहीं होने का भरोसा देगा। संसद के दोनों सदनों से संविधान संशोधन विधेयक के मंजूरी मिलने के बाद उस पर कम से कम 15 राज्यों के विधानसभाओं की मंजूरी चाहिए होगी। उसके बाद ही राष्ट्रपति बिल पर हस्ताक्षर करेंगे, जिससे ये कानून बन सकेगा।

इसके बाद केंद्र सरकार को सेंट्रल जीएसटी और राज्य सरकारों को स्टेट जीएसटी से जुड़ा कानून बनाना होगा। साथ ही केंद्र सरकार को इंटिग्रेटेड जीएसटी के लिए अलग से कानून बनाना होगा। ये सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही जीएसटी के नियम जारी होंगे। इस पर काम पहले से ही चालू है। केंद्र सरकार की योजना अगले साल पहली अप्रैल से जीएसटी लागू करने की है।

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