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कोविड-19 से निपटने में कारगर है आनुवंशिक अनुक्रमण, CSIR के वैज्ञानिक लगा रहे हैं पता

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने एमएसएमई प्रमुख उद्योगों पीएसयू के साथ आरटी-पीसीआर मशीनों पर काम करने के लिए सीएसआइआर की सराहना की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 07:23 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 07:24 PM (IST)
कोविड-19 से निपटने में कारगर है आनुवंशिक अनुक्रमण, CSIR के वैज्ञानिक लगा रहे हैं पता

नई दिल्ली, आइएसडब्ल्यू। आनुवंशिक अनुक्रमण कोरोना वायरस के प्रति वाहक की प्रतिक्रिया का पता लगाने के साथ-साथ बीमारी के प्रति जनसंख्या की संवेदनशीलता की पहचान करने में भी बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) जिम्मेदार सिविअर एक्यूट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम-कोरोना वायरस-2 (SAARC Corona Virus-2) का आनुवंशिक अनुक्रमण कर रहा है। कुछ प्रयोगशालाएं आगामी हफ्तों में नए कोरोना के 500 अनुक्रमण करने के लक्ष्य के साथ इसके आनुवंशिक स्वरूप का पता लगाने का कार्य भी कर रही हैं।

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सीएसआइआर की एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक तरह से युद्ध की स्थिति है और युद्ध समाप्त होने से पहले हमें समाधान खोजने हैं। इसीलिए, वैज्ञानिकों को इस चुनौती को नियमित अनुसंधान परियोजना की तरह नहीं मानना चाहिए।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे, सीएसआइआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आइजीआइबी) के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल और विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. नकुल पाराशर मौजूद थे।

सीएसजी की हुई स्थापना

इस अवसर पर डॉ. मांडे ने बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए सीएसआइआर में कोर रणनीतिक समूह (सीएसजी) की स्थापना की गई है और पांच कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है, जिसके तहत गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। इनमें डिजिटल और आणविक निगरानी, तीव्र तथा किफायती निदान, नई दवाओं की रिपर्पजिंग तथा उत्पादन प्रक्रिया, अस्पतालों के सहायक उपकरण एवं निजी सुरक्षा उपकरण और आपूर्ति श्रृंखला तथा लॉजिस्टिक समर्थन प्रणाली शामिल है।

प्लाज्मा आधारित थेरेपी की है जरूरत

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने एमएसएमई, प्रमुख उद्योगों, पीएसयू के साथ आरटी-पीसीआर मशीनों पर काम करने के लिए सीएसआइआर की सराहना की है। उन्होंने कहा, इस समय प्लाज्मा आधारित थेरेपी की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए, हमें उन रोगियों को प्रेरित करने की आवश्यकता है, जो कोविड-19 से उबर चुके हैं और रक्तदान कर सकते हैं। उन्होंने सीएसआइआर-एनएएल द्वारा वेंटीलेटर, ऑक्सीजन संवर्धन उपकरणों पर भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ किए गए कायरें को सराहा है। ये संस्थान 3-डी प्रिंटेड फेस शील्ड, फेस मास्क, गाउन और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण भी विकसित कर रहे हैं।


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