गंगा-यमुना को सहारा देगा 'स्वच्छ भारत' अभियान
'गंदगी नदी में नहीं, शहरों में होती है। इसलिए जब शहर स्वच्छ होंगे तो नदियां अपने आप निर्मल हो जाएंगी।' गंगा को अविरल और निर्मल बनाने को दैनिक जागरण की ओर से शुरू किए गए महाअभियान 'गंगा जागरण' के दौरान यह आवाज उठी थी। ऐसे में आज शुरूहो रहा महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान गंदगी के बोझ से दबी नदियों को निर्मल बनाने के लिए बड़ा सहारा बन सकता है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। 'गंदगी नदी में नहीं, शहरों में होती है। इसलिए जब शहर स्वच्छ होंगे तो नदियां अपने आप निर्मल हो जाएंगी।' गंगा को अविरल और निर्मल बनाने को दैनिक जागरण की ओर से शुरू किए गए महाअभियान 'गंगा जागरण' के दौरान यह आवाज उठी थी। ऐसे में आज शुरूहो रहा महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान गंदगी के बोझ से दबी नदियों को निर्मल बनाने के लिए बड़ा सहारा बन सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहरों में साफ-सफाई रहने से नदी में गिरने वाली गंदगी को कम किया जा सकता है। गंगा के किनारे 118 कस्बे और शहर बसे हैं, जिनसे सीवर और गंदगी गंगा में गिरती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड [सीपीसीबी] के मुताबिक गंगा में लगभग 80 फीसद गंदगी शहरों से आती है। बाकी 20 प्रतिशत औद्योगिक अपशिष्ट और अन्य स्रोत से आती है। कानपुर, इलाहबाद, पटना और वाराणसी सहित कई बड़े शहरों से रोजाना करोड़ों लीटर सीवरेज बिना ट्रीट किए ही गंगा में बहता है।
सीपीसीबी के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में 138 नाले लगभग 6,000 एमएलडी गंदगी गंगा में डालते हैं। इसके अलावा गंगा की सहायक नदियां भी अपने साथ गंदगी बहाकर लाती हैं जो इसमें आकर मिलती है।
यही हाल यमुना का है। यमुना अपनी कुल लंबाई की 2 फीसदी से भी कम दिल्ली में बहती है लेकिन इसमें 70 प्रतिशत गंदगी राष्ट्रीय राजधानी से ही गिरती है। वजीराबाद से ओखला के बीच 22 किलोमीटर में यमुना में दर्जनों बड़े नाले गिरते हैं। रामगंगा की स्थिति भी बेहद खराब है। रामगंगा में औद्योगिक अपशिष्ट के साथ-साथ शहरी गंदगी भी गिरती है। गोमती पर भी शहरी गंदगी की मार काफी पड़ती है।
'गंगा जागरण' अभियान के दौरान भी विशेषज्ञों ने इस तथ्य पर बल दिया था कि नदियों की निर्मलता बनाए रखने के लिए पहले शहरों को साफ रखना जरूरी है। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट की प्रोफेसर संयुक्ता भादुड़ी ने इसकी जरूरत पर बल देते हुए कहा कि नदियों को अगर स्थाई रूप से निर्मल रखना है तो शहरों को साफ-सुथरा रखना बेहद जरूरी है।
सरकार ने बनाया स्वच्छ भारत कोष
साफ-सफाई के राष्ट्रव्यापी अभियान के लिए धनराशि जुटाने को सरकार ने एक स्वच्छ भारत कोष बनाया है। आम लोग, बड़े दानदाता तथा उद्योग जगत इस कोष में दान दे सकेंगे। इस कोष का संचालन वित्त मंत्रालय करेगा। मंत्रालय ने इस कोष में दान देने की प्रक्रिया का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर दिया है।